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Sonebhadra News: मेरी बेटी को जबरन ले जाकर रचाई शादी, कराया धर्म परिवर्तन
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सोनभद्र। आदिवासी महिलाओं से शादी कराकर उनके जरिए जनजातीय समाज की जमीन हथियाने के मामले में बृहस्पतिवार को एक और शख्स सामने आया। अपनी बेटी को जबरन ले जाकर धर्म परिवर्तन कराकर शादी रचाने का आरोप लगाया। यह भी दावा किया कि उसकी बेटी की तरह ही कई अन्य आदिवासी लड़कियों के साथ भी ऐसा ही किया गया है। फिलहाल पुलिस पूर्व में दर्ज मामले के आधार पर जांच में जुटी हुई है।
बघाड़ू निवासी अशर्फीलाल ने दावा किया कि बहादुर की शह पर उनकी बेटी को वर्ष 2023 में पहली बार उठाया गया था। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उसे छोड़ दिया गया। उसके बाद बेटी को घर लाकर शादी रचाई गई। आरोप है कि शादीशुदा बेटी को दोबारा झांसे में लेकर घर से उठा ले गए और धर्म परिवर्तन कराकर शादी रचा ली। पुलिस से गुहार लगाई गई, लेकिन बालिग होने का हवाला देकर छोड़ दिया गया। आरोप लगाया कि उनकी बेटी की तरह कई आदिवासी युवतियों-महिलाओं को ले जाकर जबरिया शादी कर ली गई है।
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केस एक
गत सात नवंबर को दुद्धी कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराने वाली युवती भी मीडिया के सामने आई। दावा किया कि एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी उस पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। बहनों के साथ भी इसी तरह दबाव बनाने का आरोप लगाया।
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केस दो::
बहादुर की तरह बघाड़ू में एक और मामला सामने आया। इलाके के लोगों का दावा है कि जाकिर हुसैन नामक शख्स ने पहली पत्नी को छोड़कर जनजातीय युवती से शादी रचाई और उसके जरिए जनजातीय समाज की तीन जमीनें बैनामा करा ली। उस पर वन विभाग की भी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया जा रहा है।
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इनसेट
धारा 80 के जरिए कई जमीनों के कराए गए बैनामे
जनजातीय समाज की जमीन हथियाने के मामले में धारा 80 (जमीन को अकृषिक घोषित कराना) की बड़ी भूमिका सामने आई है। प्रकरण में पेशकार और लेखपाल की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद पेशकार के तबादले और लेखपाल को आरोप पत्र थमाए जाने के बाद विभागीय जांच तेज कर दी गई है। जल्द ही इस मामले में कई और पर कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता ने पिछले माह सीएम से मिलकर जनजातीय समाज की महिलाओं से शादी कर उनके जरिए आदिवासियों की जमीन सस्ते दाम पर खरीदने की शिकायत की थी। अमर उजाला में इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद सीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अब तक की जांच में बहादुर अली के कहने पर मुस्लिम समाज के लोगों के लिए जनजातीय समाज की जमीन खरीदने में रजिया-नन्हकी की भूमिका सामने आई है। वहीं, इस तरह के अन्य मामलों को लेकर जांच की जा रही है। बताते हैं कि जनजातीय समाज की जमीन खरीदकर उन्हें बेचने के मामले में राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 की भी बड़ी भूमिका है। इसकी आड़ में कई जमीनें मुस्लिम समाज के लोगों को बेची गईं।
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दुद्धी कोतवाली में दर्ज मामले को लेकर गहराई से जांच के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। -अभिषेक वर्मा, एसपी।
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जाकिर के खिलाफ वन विभाग की एक जमीन कब्जाने का प्रकरण संज्ञान में आया है। दो ऐसी जमानों पर कब्जा मिला है, जहां वन विभाग की आंशिक हिस्सेदारी है। अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। -विशाल कुमार, वन दरोगा बघाडू़ रेंज।
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बघाड़ू निवासी अशर्फीलाल ने दावा किया कि बहादुर की शह पर उनकी बेटी को वर्ष 2023 में पहली बार उठाया गया था। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उसे छोड़ दिया गया। उसके बाद बेटी को घर लाकर शादी रचाई गई। आरोप है कि शादीशुदा बेटी को दोबारा झांसे में लेकर घर से उठा ले गए और धर्म परिवर्तन कराकर शादी रचा ली। पुलिस से गुहार लगाई गई, लेकिन बालिग होने का हवाला देकर छोड़ दिया गया। आरोप लगाया कि उनकी बेटी की तरह कई आदिवासी युवतियों-महिलाओं को ले जाकर जबरिया शादी कर ली गई है।
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केस एक
गत सात नवंबर को दुद्धी कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराने वाली युवती भी मीडिया के सामने आई। दावा किया कि एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी उस पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। बहनों के साथ भी इसी तरह दबाव बनाने का आरोप लगाया।
केस दो::
बहादुर की तरह बघाड़ू में एक और मामला सामने आया। इलाके के लोगों का दावा है कि जाकिर हुसैन नामक शख्स ने पहली पत्नी को छोड़कर जनजातीय युवती से शादी रचाई और उसके जरिए जनजातीय समाज की तीन जमीनें बैनामा करा ली। उस पर वन विभाग की भी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया जा रहा है।
इनसेट
धारा 80 के जरिए कई जमीनों के कराए गए बैनामे
जनजातीय समाज की जमीन हथियाने के मामले में धारा 80 (जमीन को अकृषिक घोषित कराना) की बड़ी भूमिका सामने आई है। प्रकरण में पेशकार और लेखपाल की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद पेशकार के तबादले और लेखपाल को आरोप पत्र थमाए जाने के बाद विभागीय जांच तेज कर दी गई है। जल्द ही इस मामले में कई और पर कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता ने पिछले माह सीएम से मिलकर जनजातीय समाज की महिलाओं से शादी कर उनके जरिए आदिवासियों की जमीन सस्ते दाम पर खरीदने की शिकायत की थी। अमर उजाला में इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद सीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अब तक की जांच में बहादुर अली के कहने पर मुस्लिम समाज के लोगों के लिए जनजातीय समाज की जमीन खरीदने में रजिया-नन्हकी की भूमिका सामने आई है। वहीं, इस तरह के अन्य मामलों को लेकर जांच की जा रही है। बताते हैं कि जनजातीय समाज की जमीन खरीदकर उन्हें बेचने के मामले में राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 की भी बड़ी भूमिका है। इसकी आड़ में कई जमीनें मुस्लिम समाज के लोगों को बेची गईं।
दुद्धी कोतवाली में दर्ज मामले को लेकर गहराई से जांच के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। -अभिषेक वर्मा, एसपी।
जाकिर के खिलाफ वन विभाग की एक जमीन कब्जाने का प्रकरण संज्ञान में आया है। दो ऐसी जमानों पर कब्जा मिला है, जहां वन विभाग की आंशिक हिस्सेदारी है। अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। -विशाल कुमार, वन दरोगा बघाडू़ रेंज।
