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UP: बिहार-झारखंड सीमा के छह गांवों में मलेरिया का खतरा, स्वास्थ्य विभाग चाैकन्ना; 70 घरों की आबादी में 75 मरीज
अमर उजाला नेटवर्क, सोनभद्र।
Published by: अमन विश्वकर्मा
Updated Fri, 17 Oct 2025 05:56 AM IST
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सार
मलेरिया के भय से जहां लोग परेशान हैं, वहीं, स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में हैं। रेड जोन में सफाई की व्यवस्था मुकम्मल की जा रही है। गुरुवार को भी यहां पांच नए मरीज मिलने की चर्चा रही।

मलेरिया वार्ड।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
Sonbhadra News: बिहार-झारखंड सीमा से सटे छह गांवों में मलेरिया फैलने का खतरा बढ़ गया है। इन्हें रेड जोन की श्रेणी में रखा गया है। महज एक ग्राम पंचायत में 70 से ज्यादा मरीज पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले एक हफ्ते से यहां कैंप कर रही है। इसके बाद भी मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। छह गांवों रेड जोन में चिह्नित किए गए हैं।

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इसे देखते हुए एंटी लार्वा छिड़काव और साफ-सफाई का काम तेज कर दिया गया है। कभी म्योरपुर ब्लाॅक मलेरिया के मामले में डेंजर जोन माना जाता था लेकिन पिछले वर्षों में इसके नियंत्रण और रोकथाम को लेकर चलाए गए अभियान से इसमें आई कमी ने दुर्गम क्षेत्र के इलाकों को डेंजर जोन में तब्दील कर दिया है।
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हालात यह है कि बिहार-झारखंड सीमा से सटे चननी ग्राम पंचायत के वसुहारी गांव की आबादी 60 से 70 घरों की है लेकिन महज छह दिन के कैंप में यहां 70 मरीज पाॅजिटिव पाए जा चुके हैं। बृहस्पतिवार को भी यहां पांच नए मरीज मिलने की चर्चा रही।
जिला मलेरिया अधिकारी धर्मेंद्र नारायण श्रीवास्तव ने भी मलेरिया के मरीज मिलने की पुष्टि की लेकिन मलेरिया अधिकारी होने के बावजूद खुद को अधिकृत न होने की बात कहते हुए विभाग की तरफ से किए जा रहे राहत कार्य और मिल रहे मरीजों की स्थिति के बाबत किसी तरह की जानकारी देने से कन्नी काट ली।