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Unnao News: एनओसी को लेकर दो कार्यदायी संस्थाएं आमने-सामने
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सोनिक (उन्नाव)। दो बड़ी परियोजनाओं गंगा एक्सप्रेसवे व गैस पाइप लाइन की कार्यदायी संस्थाओं में भूमि को लेकर विवाद गहराने लगा है। बिछिया विकास खंड के मुर्तजानगर में दोनों परियोजनाएं एक दूसरे को क्रास कर रही हैं। जहां पर क्रास है वहीं पर दोनों संस्थाएं अपनी जमीन होने का दावा कर रही है। ऐसे में एनओसी कौन किसको देगा इसका निर्धारण नहीं हो पा रहा है।
मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा गंगा एक्सपे्रसवे जिले की छह तहसीलों से निकल रहा है। वहीं कांडला से गोरखपुर के बीच अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है। दोनों बड़ी परियोजनाएं सदर तहसील के मुर्तजानगर में एक दूसरे को क्रास कर रही हैं। गांव में जहां पर क्रास चिन्ह लगा है वहां की जमीन को दोनों परियोजनाओं की कार्यदायी संस्थाएं अपनी होने का दावा कर रही हैं। इससे दोनों का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। पूर्व में दोनों संस्थाओं ने तहसील प्रशासन से हस्तक्षेप करके जमीन का चिह्नांकन करने की मांग की थी।
इस पर तहसीलदार विराग करवरिया ने जांच और चिह्नांकन के लिए तीन लेखपालों को मौके पर भेजा। लेखपालों में दीपेंद्र तिवारी, संजय शुक्ला व शिवप्रकाश जायसवाल ने गांव पहुंचकर संस्था के कर्मचारियों की मौजूदगी में जिस गाटे से दोनों क्रास हो रहे हैं, उसमें निशान लगवा दिया। लेखपाल दीपेंद्र तिवारी ने बताया कि दोनों संस्थाओं में एनओसी को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों संस्थाएं भूमि संबंधी गजट पहले करने का दावा कर रही हैं। तहसीलदार के निर्देश पर नापजोख करके निशानदेही कर दी गई है। अब आगे संस्थाएं अपना काम देखें।
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मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा गंगा एक्सपे्रसवे जिले की छह तहसीलों से निकल रहा है। वहीं कांडला से गोरखपुर के बीच अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है। दोनों बड़ी परियोजनाएं सदर तहसील के मुर्तजानगर में एक दूसरे को क्रास कर रही हैं। गांव में जहां पर क्रास चिन्ह लगा है वहां की जमीन को दोनों परियोजनाओं की कार्यदायी संस्थाएं अपनी होने का दावा कर रही हैं। इससे दोनों का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। पूर्व में दोनों संस्थाओं ने तहसील प्रशासन से हस्तक्षेप करके जमीन का चिह्नांकन करने की मांग की थी।
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इस पर तहसीलदार विराग करवरिया ने जांच और चिह्नांकन के लिए तीन लेखपालों को मौके पर भेजा। लेखपालों में दीपेंद्र तिवारी, संजय शुक्ला व शिवप्रकाश जायसवाल ने गांव पहुंचकर संस्था के कर्मचारियों की मौजूदगी में जिस गाटे से दोनों क्रास हो रहे हैं, उसमें निशान लगवा दिया। लेखपाल दीपेंद्र तिवारी ने बताया कि दोनों संस्थाओं में एनओसी को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों संस्थाएं भूमि संबंधी गजट पहले करने का दावा कर रही हैं। तहसीलदार के निर्देश पर नापजोख करके निशानदेही कर दी गई है। अब आगे संस्थाएं अपना काम देखें।