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Unnao News: जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी और जेई लखनऊ संबद्ध
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उन्नाव। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी और अवर अभियंता को लखनऊ अनुश्रवण कोष्ठक में संबद्ध कर दिया गया है। शासन ने फिलहाल अपर मुख्य अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सीडीओ को सौंप दिया है। अधिकारियों को यहां से हटाए जाने के पीछे पिछले माह जिला पंचायत कार्यालय में जेई की पिटाई और ठेकेदारों पर रिपोर्ट दर्ज कराने की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।
छह नवंबर को जिला पंचायत के जेई आनंद नारायण, अपर मुख्य अधिकारी वर्तिका के साथ कोतवाली गए थे और पुलिस को जानकारी दी थी। इसके बाद ठेकेदार प्रभात सिंह, कुश सिंह, प्रतीक सिंह, रिंकू शुक्ला, सत्येंद्र सिंह व ग्राम प्रधान जालापुर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया था कि नाला व सीसी रोड निर्माण का भुगतान न करने को लेकर उसे पीटा गया था। जेई ने अभियंता अखिलेश्वर मल्ल व प्रद्युम्न त्रिपाठी की मौके पर मौजूदगी की जानकारी दी थी। पुलिस ने दूसरे दिन एक आरोपी प्रभात सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके अलावा अन्य आरोपी फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं। मामले के 28 दिन बाद शासन ने अपर मुख्य अधिकारी वर्तिका व अवर अभियंता प्रद्युम्न त्रिपाठी को उन्नाव से हटाकर लखनऊ जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक से संबद्ध कर दिया है। सीडीओ कृतिराज को अपर मुख्य अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
डीएम गौरांग राठी ने बताया कि हाल में हुए कुछ घटनाक्रमों और पूर्व के कुछ मामलों का संज्ञान लेकर शासन स्तर से जिला पंचायत एएमए और जेई का तबादला किया गया है।
सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म
अपर मुख्य अधिकारी समेत दो को हटाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कोई इसे सत्तादल में चल रही गुटबाजी को वजह बता रहा है तो कोई जिला पंचायत अध्यक्ष की शासन में पकड़ बताकर टिप्पणी कर रहा है। वहीं कुछ लोग इसे पूर्व में की गई शिकायतों पर हुई कार्रवाई बता रहे हैं। हालांकि विभागीय कार्यालय में अभियंता से लेकर कर्मचारी तक कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं था। विभाग में सन्नाटा रहा।
कई अन्य को भी जल्द हटाए जाने की चर्चा
विभागीय सूत्रों के अनुसार कई अन्य अभियंताओं के खिलाफ भी शिकायतें शासन तक पहुंचीं हैं। इसको लेकर अभियंताओं के पूर्व तैनाती जनपदों की कार्यप्रणाली की जानकारी एकत्रित की जा रही है। सूत्रों के अनुसार एक अभियंता पर पूर्व तैनाती जनपद में रिश्वत मांगने में निलंबन की कार्रवाई होने का मामला भी शासन तक पहुंच गया है।
विकास कार्यों की जांच रिपोर्ट का इंतजार
जिला पंचायत में एई, जेई व अन्य कर्मचारियों की पिटाई की घटना के बाद पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव ने पांच सदस्यीय टीम बनाकर तीन साल के कामों की जांच कराई थी। टीम ने अलग-अलग ब्लाकों में एक दर्जन से अधिक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांची थी।
मालूम हो कि मारपीट की एफआईआर दर्ज करने वाले जेई आनंद नारायण ने आरोप लगाया था कि मानकों की अनदेखी कर बनवाया गया नाला और सीसी रोड सहित अन्य कार्यों का भुगतान रोकने पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। घटना में पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव ने अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार के नेतृत्व में दो एई और दो जेई को शामिल करते हुए उन्नाव में जिला पंचायत की ओर से कराए गए प्रमुख विकास कार्यों की जांच कराई थी। इनमें बीघापुर, सुमेपुर, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी और नवाबगंज आदि ब्लाक शामिल थे। अब इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। डीएम ने बताया कि यह जांच रिपोर्ट उनके पास नही आएगी, सीधे शासन को जाएगी, शासन से जो निर्देश होंगे उनका पालन किया जाएगा।
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छह नवंबर को जिला पंचायत के जेई आनंद नारायण, अपर मुख्य अधिकारी वर्तिका के साथ कोतवाली गए थे और पुलिस को जानकारी दी थी। इसके बाद ठेकेदार प्रभात सिंह, कुश सिंह, प्रतीक सिंह, रिंकू शुक्ला, सत्येंद्र सिंह व ग्राम प्रधान जालापुर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया था कि नाला व सीसी रोड निर्माण का भुगतान न करने को लेकर उसे पीटा गया था। जेई ने अभियंता अखिलेश्वर मल्ल व प्रद्युम्न त्रिपाठी की मौके पर मौजूदगी की जानकारी दी थी। पुलिस ने दूसरे दिन एक आरोपी प्रभात सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके अलावा अन्य आरोपी फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं। मामले के 28 दिन बाद शासन ने अपर मुख्य अधिकारी वर्तिका व अवर अभियंता प्रद्युम्न त्रिपाठी को उन्नाव से हटाकर लखनऊ जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक से संबद्ध कर दिया है। सीडीओ कृतिराज को अपर मुख्य अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
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डीएम गौरांग राठी ने बताया कि हाल में हुए कुछ घटनाक्रमों और पूर्व के कुछ मामलों का संज्ञान लेकर शासन स्तर से जिला पंचायत एएमए और जेई का तबादला किया गया है।
सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म
अपर मुख्य अधिकारी समेत दो को हटाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कोई इसे सत्तादल में चल रही गुटबाजी को वजह बता रहा है तो कोई जिला पंचायत अध्यक्ष की शासन में पकड़ बताकर टिप्पणी कर रहा है। वहीं कुछ लोग इसे पूर्व में की गई शिकायतों पर हुई कार्रवाई बता रहे हैं। हालांकि विभागीय कार्यालय में अभियंता से लेकर कर्मचारी तक कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं था। विभाग में सन्नाटा रहा।
कई अन्य को भी जल्द हटाए जाने की चर्चा
विभागीय सूत्रों के अनुसार कई अन्य अभियंताओं के खिलाफ भी शिकायतें शासन तक पहुंचीं हैं। इसको लेकर अभियंताओं के पूर्व तैनाती जनपदों की कार्यप्रणाली की जानकारी एकत्रित की जा रही है। सूत्रों के अनुसार एक अभियंता पर पूर्व तैनाती जनपद में रिश्वत मांगने में निलंबन की कार्रवाई होने का मामला भी शासन तक पहुंच गया है।
विकास कार्यों की जांच रिपोर्ट का इंतजार
जिला पंचायत में एई, जेई व अन्य कर्मचारियों की पिटाई की घटना के बाद पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव ने पांच सदस्यीय टीम बनाकर तीन साल के कामों की जांच कराई थी। टीम ने अलग-अलग ब्लाकों में एक दर्जन से अधिक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांची थी।
मालूम हो कि मारपीट की एफआईआर दर्ज करने वाले जेई आनंद नारायण ने आरोप लगाया था कि मानकों की अनदेखी कर बनवाया गया नाला और सीसी रोड सहित अन्य कार्यों का भुगतान रोकने पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। घटना में पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव ने अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार के नेतृत्व में दो एई और दो जेई को शामिल करते हुए उन्नाव में जिला पंचायत की ओर से कराए गए प्रमुख विकास कार्यों की जांच कराई थी। इनमें बीघापुर, सुमेपुर, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी और नवाबगंज आदि ब्लाक शामिल थे। अब इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। डीएम ने बताया कि यह जांच रिपोर्ट उनके पास नही आएगी, सीधे शासन को जाएगी, शासन से जो निर्देश होंगे उनका पालन किया जाएगा।