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कफ सिरप केस: काले कोट से काले कारनामे छुपाने के लिए सफेदपोश बन रहा था टाटा, गिरफ्तारी से पहले गया था महाकाल

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Fri, 28 Nov 2025 02:51 PM IST
सार

कफ सिरप मामले में एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार अमित सिंह टाटा सेंट्रल बार के पूर्व उपाध्यक्ष की मौत में नामजद था। आरोपी अमित सिंह टाटा कचहरी में अधिवक्ता भी है। 

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Amit Singh Tata arrested in cough syrup case lawyer and criminal in Varanasi
अमित सिंह टाटा। - फोटो : संवाद
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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव से सक्रिय अमित सिंह टाटा का नाम पूर्व में मुन्ना बजरंगी गिरोह से भी जुड़ा था। सात आपराधिक मुकदमों में आरोपी अमित सिंह टाटा कचहरी में अधिवक्ता भी है। पूर्व में सेंट्रल बार का प्रबंध समिति का सदस्य भी रह चुका है। सेंट्रल बार के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की मौत में अमित सिंह टाटा पर जहर देकर मारने का आरोप था। ज्योति के पिता ने चौबेपुर थाने में अमित सिह टाटा के खिलाफ तहरीर दी थी।

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पिछले दो साल से वह शुभम जायसवाल के संपर्क में आकर कफ सिरप तस्करी के नेटवर्क को संभाल रहा था। पूर्व सांसद के भरोसेमंद बन चुके अमित सिंह टाटा को जौनपुर के रामपुर ब्लाॅक से ब्लाॅक प्रमुख बनाने की दिशा में पूर्व सांसद की टीम काम कर रही थी। फायनेंस की जिम्मेदारी शुभम ने अपने कंधे पर ले रखी थी। 

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गिरफ्तारी से पहले महाकाल के दर्शन को गए थे आरोपी

पूर्व सांसद के साथ रहने वाले बर्खास्त सिपाही और अमित सिंह टाटा समेत चार लोग एसटीएफ की गिरफ्तारी से पहले उज्जैन महाकाल के दर्शन को गए थे। दर्शन के बाद एसटीएफ ने बर्खास्त सिपाही और अमित सिंह टाटा को हिरासत में लिया। पूर्व सांसद के प्रभाव में बर्खास्त सिपाही को छोड़ दिया गया लेकिन अमित सिंह टाटा के खिलाफ पर्याप्त पुख्ता साक्ष्य होने के कारण पूर्व सांसद ने अपने कदम पीछे खींच लिए।

डेढ़ साल के अंदर तीन गाड़ियों के काफिले संग चल रहा था अमित सिंह टाटा

जरायम से जुड़े लोगों की मानें तो अमित सिंह टाटा पिछले डेढ़ साल के अंदर फार्च्यूनर, स्कॉर्पियो जैसी तीन गाड़ियों के काफिले संग चल रहा था। लाइफ स्टाइल अचानक से हाई हो गई। कहा जा रहा था कि यह गाड़ियां शुभम ने ही टाटा को गिफ्ट की थी। दबंग छवि वाले अमित सिंह टाटा को साथ रखने की असल वजह शुभम की यह रही कि शहर के अन्य दबंग लोग उससे रंगदारी न वसूल सकें। शुभम को एक तरह से टाटा ने कवच के रूप में रखा था। शुभम से टकराने से पहले टाटा से टकराने जैसे बयान शहर की फिजाओं में तैर रहे थे। टाटा को और मजबूत करने के उद्देश्य से शुभम ने रामपुर ब्लाॅक प्रमुख की दावेदारी के लिए टाटा को आगे किया हुआ था।

लैंड क्रूजर और फार्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ियां उपहार में देता है शुभम

एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया कि पूर्वांचल के तीन नेताओं को शुभम जायसवाल ने लैंड क्रूजर और फार्च्यूनर जैसी गाड़ियां गिफ्ट में दी हैं। दुबई में बैठे शुभम जायसवाल के करीबी वरुण सिंह, गौरव जायसवाल, सिगरा के होटल और रियल एस्टेट कारोबारी समेत अन्य कई नाम का खुलासा होना बाकी है। पूर्वांचल के जौनपुर, चंदौली, वाराणसी के कई नेताओं और रसूखदारों को शुभम लाभान्वित कर चुका है। एप्पल के मैकबुक में शुभम ने सभी का काला चिट्ठा का हिसाब रखा हुआ है। साड़ी, होटल, बालू, कोयला, सरिया समेत अन्य कारोबार में भी शुभम ने कदम बढ़ा दिए थे।

छोटी मछली है टाटा, बड़ी मछलियों को फेंका जा रहा है कांटा
एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि कफ सिरप कांड में बड़ी मछलियों की संख्या अनगिनत है। बड़े-बड़े माफिया इसमें शामिल हैं। अमित सिंह टाटा तो छोटी मछली है, जो कि कांटे में फंस गई। बड़ी मछलियां भी जल्द कांटे में फंसेंगी।

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