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Cough Syrup Case: कफ सिरप का पुष्पा बना शुभम, पावर और पैसा देख सफेदपोशों का भी डोला ईमान
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Fri, 28 Nov 2025 03:45 PM IST
सार
Varanasi News: वाराणसी का शुभम कफ सिरप तस्करी का पुष्पा बना और वर्ष 2023 से ही उसने धड़ल्ले से तस्करी में अपने कदम बढ़ाए। फिर प्रभाव, पावर और पैसे की बदौलत हर बाधा को दूर किया। शुभम के सिंडिकेट से ही उत्तर प्रदेश से बांग्लादेश तक तस्करी संभव हुआ।
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अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना शुभम जायसवाल।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
चंदन की लकड़ी तस्करी पर बनी फिल्म पुष्पा की तर्ज पर ही शुभम जायसवाल ने कफ सिरप की तस्करी कराई। दवा कंपनियों, ड्रग, नारकोटिक्स, पुलिस, पॉलिटिक्स सभी का मुंह बंद कराया। 2023 से शुभम जायसवाल ने धड़ल्ले से तस्करी में अपने कदम बढ़ाए। प्रभाव, पावर और पैसे की बदौलत हर बाधा को दूर किया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बांग्लादेश तक कफ सिरप तस्करी के सिंडिकेट की कमान संभाली। कफ सिरप माफिया भी शुभम के आगे झुक गए। तय हुआ कि कफ सिरप का धंधा करने वाले अपने माल शुभम के जरिये ही बांग्लादेश और नेपाल भेजेंगे।
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शुभम के तस्करी के माल को फर्नीचर, चावल की बोरी, चूना, बिजली पोल, चिप्स पैकेट समेत अन्य कई तरह से भेजता था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कफ सिरप को वह सोनभद्र के रास्ते बिहार से इंट्री कराने के बाद निकाला था। बीच में कई गाड़ियों का माल बदला जाता था और कई वाहन के नंबर प्लेट भी बदले जाते थे। जीएसटी और परिवहन अधिकारियों की आंख में धूल झोंककर गाड़ियां निकल जाती थीं।
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पैसे के प्रभाव के चलते पूर्व सांसद का करीबी भी शुभम से जुड़ गया
अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद यह तय हुआ कि पैसे के प्रभाव के चलते ही पूर्व सांसद का करीबी भी शुभम से जुड़ गया। सत्ता में मजबूत पकड़ रखने वाले भी शुभम से मीटिंग के लिए बेकरार हुए। पूर्वांचल के दो सफेदपोश शुभम के पार्टनर के रूप में काबिज हुए, इसका लाभ शुभम ने प्रशासनिक दबाव बनाने के रूप में किया। पांच लाख रुपये धंधे में लगाने पर 20 से 22 लाख रुपये का मुनाफा देने वाले शुभम ने कई रसूखदारों के रकम कफ सिरप में लगा दिए। वरुणा पार रहने वाले एक स्कूल व्यवसायी और सफेदपोश ने शुभम की मुलाकात सूबे एक मंत्री से भी कराई थी।
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बिहार और झारखंड के सफेदपोश भी एसटीएफ के रडार पर
दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होकर पूर्वांचल तक कफ सिरप मामले में आरोपी सामने आए। वहीं, एसटीएफ ने बिहार और झारखंड के कुछ सफेदपोशों और ट्रांसपोर्टरों को भी चिह्नित किया है। अगली कार्रवाई एसटीएफ की अब बिहार में भी होगी। इस पूरे प्रकरण की निगरानी पीएमओ स्तर से भी हो रही है।