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Varanasi News: DNA बताएगा देसी गायों की पहचान, गांव-गांव होगा संरक्षण; शंकराचार्य के निर्देश पर प्रयोगशाला

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Sun, 04 May 2025 02:08 PM IST
सार

गो माता, राष्ट्र माता अभियान के तहत वाराणसी में पहली गो माता की डीएनए परीक्षण प्रयोगशाला शुरू हो गई। शंकराचार्य ने गो माता राष्ट्र माता अभियान का श्रीगणेश किया।

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DNA will tell identity of indigenous cows protection done in every village Laboratory in varanasi
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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अब डीएनए देसी गायों की पहचान बताएगा। श्री विद्यामठ में बनारस की पहली गोमाता डीएनए परीक्षण प्रयोगशाला शुरू हो गई। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के गो संरक्षण अभियान के तहत प्रयोगशाला स्थापित की गई है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट को आधार बनाकर देसी गायों को संरक्षण के लिए गांव से लेकर शहर तक अभियान चलाया जाएगा। 

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इस अभियान के तहत देशभर में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गो की पहचान वैज्ञानिक पद्धति से हो सके। इसके लिए प्रत्येक गाय का डीएनए परीक्षण कर यह स्पष्ट किया जाएगा कि कौन देसी गाय है और कौन गवय (गौ के नाम पर अन्य पशु)। 
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शंकराचार्य के आदेशानुसार केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में गो माता के डीएनए परीक्षण की आधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना की गई। प्रयोगशाला गो माता राष्ट्र माता अभियान का महत्वपूर्ण स्तंभ सिद्ध होगी और गो माता की रक्षा तथा संरक्षण के कार्य को वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगी।

कार्य में तन-मन-धन से सहयोग करें
श्रीविद्यामठ के प्रभारी परमात्मानंद ने कहा कि हम सभी सनातन धर्मावलंबियों से आह्वान करते हैं कि वे इस पावन कार्य में तन-मन-धन से सहयोग करें और गो माता के संरक्षण को राष्ट्र रक्षा का प्रमुख कर्तव्य समझें। मीडिया प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि डीएनए प्रयोगशाला में गायों का परीक्षण करके देसी गायों को चिह्नित किया जाएगा। इसके साथ ही गो माता के संरक्षण के लिए गांव-गांव में गो सेवक नियुक्त किए जाएंगे। 

सनातन संस्कृति में गो माता को मात्र एक पशु नहीं, बल्कि मातृशक्ति और सात्विक ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। हमारे शास्त्रों में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि गो के बिना हिंदू संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज जब पूरा समाज सात्विक ऊर्जा और शुद्ध वातावरण की आवश्यकता महसूस कर रहा है,तब दुर्भाग्यवश गो माता की उपेक्षा और हत्या निरंतर बढ़ रही है। 

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