Durga Puja 2025: काशी की दुर्गा पूजा में ऑपरेशन सिंदूर की थीम, पर्यावरण और संस्कृति का भी संदेश
Durga Puja 2025: काशी में दुर्गा पूजा की तैयारी शुरू हो गई है। मूर्तियां आकार लेने लगी हैं। इस बार माता की प्रतिमाओं में ऑपरेशन सिंदूर के साथ ही नारी सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी साकार होगा।

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जैसे-जैसे नवरात्र नजदीक आ रहा है, काशी की गलियां आस्था, कला और संस्कृति के रंग में सराबोर होने लगी हैं। मूर्तिकारों की मेहनत और उनकी रचनात्मकता इस बार दुर्गा पूजा के रंग को और चटख करेंगी। मिनी बंगाल में इस बार दुर्गा पूजा में मां दुर्गा की प्रतिमाएं ऑपरेशन सिंदूर के साथ नारी सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देंगी।

नवरात्र शुरू होने में महज 18 दिन बचे हैं। ऐसे में कोलकाता के कारीगर मां दुर्गा की प्रतिमाओं को आकार देने के लिए 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं। इस बार माता की प्रतिमाओं में ऑपरेशन सिंदूर के साथ ही नारी सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी साकार होगा। खोजवां में मूर्तिकार अभिजीत विश्वास कोलकाता से आए कुशल कारीगरों के साथ मिट्टी, घास, बांस और जूट के बोरे से पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियां गढ़ने में जुटे हैं।
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अभिजीत ने बताया कि वह लहरतारा के दुर्गा पूजा पंडाल के लिए खास मूर्ति तैयार कर रहे हैं। इसमें ऑपरेशन सिंदूर की झलक नजर आएगी। मां दुर्गा अपनी गोद में घायल सैनिक को लिए आतंकवादी रूपी राक्षस का वध करती नजर आएंगी, जबकि मां लक्ष्मी एक सुहागन को सिंदूर दान करती दिखेंगी। यह मूर्ति देशभक्ति और नारी शक्ति का अनूठा संगम प्रस्तुत करेगी।

इसके अलावा इस बार पर्यावरण और सामाजिक संदेशों के साथ मां दुर्गा की मूर्तियां काशीवासियों के दिलों में उत्साह और भक्ति का संचार करेंगी। आर्मी बेसमेंट से पर्यावरण संरक्षण तक: अर्दली बाजार में इस बार दुर्गा पूजा पंडाल को आर्मी बेसमेंट की थीम पर सजाया जा रहा है, जहां मां काली आतंकवाद के प्रतीक राक्षस का संहार करती नजर आएंगी।
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वहीं, चेतगंज के मां वैष्णो क्लब के लिए ऐसी मूर्ति बन रही है जिसमें हरे पत्तों के स्वरूप में मां दुर्गा पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती दिखेंगी। भेलूपुर के जिम स्पोर्टिंग क्लब में कोलकाता की पारंपरिक शैली में मूर्तियां तैयार की जा रही हैं, जो बंगाली संस्कृति की झलक पेश करेंगी।