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अनदेखी: वाराणसी में दमकल विभाग में सिर्फ 155 कर्मचारी, इनमें 15% अनफिट; सवालों के घेरे में व्यवस्था

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Wed, 31 Dec 2025 01:22 PM IST
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सार

वाराणसी जिले में 40 लाख की आबादी दमकल विभाग के 155 कर्मियों के भरोसे है। संत रविदास मंदिर में आग लगने की घटना के बाद जिले के विभाग की व्यवस्था सवालों के घेरे में है। 

fire department in Varanasi only 155 employees, and 15% of them unfit for duty
दमकल। - फोटो : प्रतीकात्मक
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विस्तार
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दमकल विभाग भले ही आधुनिक उपकरणों और तकनीक से अपग्रेड हो गया हो, लेकिन विभाग की उम्रदराज होती टीम को नए सिपाहियों की जरूरत है। दमकल विभाग में पूरे मैन पॉवर की बात करें तो 155 कर्मचारी हैं जबकि जरूरत 254 लोगों की है। 155 कर्मचारियों में अग्निशमन अधिकारी से लेकर फायर फाइटर की संख्या 112 है बाकी अन्य स्टाफ हैं। छह से सात महीने में छह कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। 

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15 प्रतिशत उस उम्र में हैं, जहां काम तो कर सकते हैं, लेकिन फुर्ती नहीं रहती। एक लिहाज से वह अनफिट हैं। 40 लाख की आबादी वाले जिले की अग्नि से सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं 116 कर्मचारियों के कंधों पर है। विभाग तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगाकर व्यवस्था संभाल रहा है। पर्याप्त संसाधन के बीच कर्मचारियों की बढ़ती उम्र के कारण कई बार घटनास्थल पर पहुंचने और प्रभावी कार्रवाई में देरी हो जाती है। अग्निशमन विभाग को फिलहाल 94 स्टाफ की जरूरत है। शासन से पत्राचार भी किया गया है।
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तीन शिफ्ट में फायर फाइटर करते हैं ड्यूटी

24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के लिए दमकल कर्मियों की ड्यूटी तीन शिफ्ट में आठ-आठ घंटे की लगाई है। सभी फायर स्टेशन में इस तरह की जिम्मेदारी फायर फायटर्स को दी गई है। ताकि आपात स्थिति में घटना स्थल पर तुरंत पहुंचकर आग पर काबू पाया जा सके और लोगों को रेस्क्यू कर सकें। एक साल में 15 बार आग की गलत सूचना दमकल विभाग को मिली। मौके पर पहुंचे तो पता लगा कि आग लगी ही नहीं है। दो हाईप्रेशर मिनी टैंकर, चार टीआरबी एंबुलेंस, आठ इमरजेंसी फायर बाइक के अलावा अन्य 36 संसाधन हैं।

43 मीटर ऊंची इमारत तक पहुंचने की क्षमता
दमकल विभाग के पास 43 मीटर ऊंची इमारत यानी 13 मंजिला भवन तक पहुंचने के लिए चार हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म हैं जबकि तीन फोम टेंडर। हाइड्रोलिक प्लेटफार्म ऊंची इमारतों तक पहुंचने के लिए जबकि फोम टेंडर ज्वलनशील तरल पदार्थ की आग को बुझाने के काम में आता है। फिलहाल शहर में 14 मंजिला से ऊपर की इमारत नहीं। रामनगर में 112 मीटर की इमारत प्रस्तावित है।

क्या कहते हैं अधिकारी
स्टाफ की संख्या बढ़ाने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। आग लगने की दिशा में कम उम्र के फायर फायटर्स को भेजा जाता है ताकि तुरंत एक्शन ले सकें। बहुमंजिला इमारत में बिना फायर सिस्टम लगाए एनओसी नहीं मिलती। वाराणसी में स्वीकृत संसाधन शत-प्रतिशत है। -आनंद सिंह राजपूत, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

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