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पीएम मोदी ने बीएचयू में किया वैदिक विज्ञान केंद्र व अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का लोकार्पण
न्यूज डेस्क,अमर उजाला,वाराणसी
Updated Tue, 18 Sep 2018 08:56 PM IST
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अटल इन्क्यूबेशन सेंटर से स्टार्ट अप को मिलेगा बढ़ावा
- फोटो : अमर उजाला
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बीएचयू में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 557.93 करोड़ के जिन विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया है, उसमें बीएचयू से जुड़ी तीन योजनाएं शामिल हैं। एक ओर जहां वैदिक विज्ञान केंद्र, अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का लोकार्पण हुआ, वहीं नेत्र रोग विभाग के क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान कार्यालय का शिलान्यास भी हुआ।
बीएचयू में अटल इनक्यूबेशन सेंटर के खुलने के बाद युवा वर्ग बहुत उत्साहित है। बांबे स्टॉक एक्सचेंज(बीएसई) ने नीति आयोग के साथ मिलकर जो सेंटर खोला है, उससे स्टार्ट अप को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने के बाद नीति आयोग के निदेशक आर रमणन, बीएसई लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अंबरीश दत्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इनक्यूबेटर से ई-गवर्नमेंट, सोशल, वॉटरटेक, क्लीन टेक, रक्षा, वित्तीय समावेशन सहित कई अन्य क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को काफी मदद मिलेगी।
देश भर से 80 से अधिक स्टार्ट-अप से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्होंने बीएचयू में भाग लेने में अपनी दिलचस्पी प्रकट की। स्टार्टअप के लिए जिनका चयन हुआ है, उसमें यूपी के कस्बों के अलावा दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत अन्य महानगरों के उद्यमी शामिल हैं।

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बीएचयू में अटल इनक्यूबेशन सेंटर के खुलने के बाद युवा वर्ग बहुत उत्साहित है। बांबे स्टॉक एक्सचेंज(बीएसई) ने नीति आयोग के साथ मिलकर जो सेंटर खोला है, उससे स्टार्ट अप को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने के बाद नीति आयोग के निदेशक आर रमणन, बीएसई लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अंबरीश दत्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इनक्यूबेटर से ई-गवर्नमेंट, सोशल, वॉटरटेक, क्लीन टेक, रक्षा, वित्तीय समावेशन सहित कई अन्य क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को काफी मदद मिलेगी।
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देश भर से 80 से अधिक स्टार्ट-अप से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्होंने बीएचयू में भाग लेने में अपनी दिलचस्पी प्रकट की। स्टार्टअप के लिए जिनका चयन हुआ है, उसमें यूपी के कस्बों के अलावा दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत अन्य महानगरों के उद्यमी शामिल हैं।
वैदिक वास्तुशास्त्र के आधार पर होगा वैदिक विज्ञान केंद्र का निर्माण

बीएचयू में पीएम मोदी
- फोटो : अमर उजाला
बीएचयू कैंपस में वैदिक विज्ञान केंद्र का निर्माण वैदिक वास्तुशास्त्र के आधार पर निर्मित होना है। इसका उद्देश्य परम्परा का रक्षण, व्यवस्थित शिक्षण, अनुसंधान तथा प्रकाशन द्वारा संवर्धन, प्रचार एवं प्रसार करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसके शिलान्यास के बाद अब इस दिशा में तेजी से काम होगा।
केंद्र के समन्वयक डॉ. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यह केंद्र नई पीढ़ी के विद्वानों के द्वारा उस परम्परा की प्राप्त चारों वेदों की समस्त उपलब्ध शाखाओं का रक्षण करने के साथ पाश्चात्य एवं पारंपरिक व्याख्या के अनुशीलन के द्वारा वेद की समुचित व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयत्न करेगा।
अलग-अलग सात विभागों द्वारा समस्त प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक ज्ञान के साथ जोड़कर आधुनिक समाज तथा ज्ञान विज्ञान के अनुशीलन हेतु मानव संसाधन को प्रस्तुत करने की दिशा में भी काम करेगा।
केंद्र के समन्वयक डॉ. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यह केंद्र नई पीढ़ी के विद्वानों के द्वारा उस परम्परा की प्राप्त चारों वेदों की समस्त उपलब्ध शाखाओं का रक्षण करने के साथ पाश्चात्य एवं पारंपरिक व्याख्या के अनुशीलन के द्वारा वेद की समुचित व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयत्न करेगा।
अलग-अलग सात विभागों द्वारा समस्त प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक ज्ञान के साथ जोड़कर आधुनिक समाज तथा ज्ञान विज्ञान के अनुशीलन हेतु मानव संसाधन को प्रस्तुत करने की दिशा में भी काम करेगा।
नेत्र रोग विभाग, क्षेत्रीय संस्थान में बढ़ेंगी सुविधाएं

बीएचयू में पीएम मोदी
- फोटो : amar ujala
बीएचयू परिसर में पीएम नरेंद्र मोदी ने जिन दो योजनाओं का शिलान्यास किया, उसमें क्षेत्रीय नेत्र संस्थान प्रमुख है। संस्थान में न केवल सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि शोध आदि कार्यों में भी इजाफा होगा। फिलहाल संस्थान के निर्माण के लिए सर सुंदर लाल अस्पताल परिसर स्थित नेत्र रोग विभाग के ठीक पीछे की जमीन का चयन भी कर लिया गया है।
नेत्र रोग विभागाध्यक्ष और विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह ने बताया कि बीएचयू का नेत्र रोग विभाग अब संस्थान के नाम से जाना जाएगा। 38.58 करोड़ की लागत से सात मंजिला संस्थान बनने के बाद नेत्र रोगियों को पहले की अपेक्षा और बेहतर इलाज होगा। यहां चार नए मॉडयूलर ओटी, अत्याधुनिक उपकरण के साथ ही जांच के लिए आधुनिक मशीनें भी आ जाएंगी।
नेत्र रोग विभागाध्यक्ष और विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह ने बताया कि बीएचयू का नेत्र रोग विभाग अब संस्थान के नाम से जाना जाएगा। 38.58 करोड़ की लागत से सात मंजिला संस्थान बनने के बाद नेत्र रोगियों को पहले की अपेक्षा और बेहतर इलाज होगा। यहां चार नए मॉडयूलर ओटी, अत्याधुनिक उपकरण के साथ ही जांच के लिए आधुनिक मशीनें भी आ जाएंगी।