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UP Crime: बिहार के लिए मंगवाई 89 हजार कोडीन युक्त कफ सिरप की शीशियां, कहां बेची गईं पता नहीं; एफआईआर दर्ज

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Sat, 20 Dec 2025 10:05 AM IST
सार

Varanasi Crime News: सारनाथ की फर्म ने बिहार के नाम पर 89 हजार कोडीन युक्त कफ सिरप की शीशियां प्रयागराज से खरीदे गए, लेकिन कहां बेचा पता नहीं। मामले में ड्रग विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। 

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Police file FIR against owner of PD Pharma in case of cough syrup containing codeine in varanasi
कफ सिरप - फोटो : Adobe Stock
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कोडीन युक्त कफ सिरप के मामले में ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने पीडी फार्मा के संचालक विष्णु कुमार पांडेय के खिलाफ शुक्रवार को सारनाथ थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। फर्म ने प्रयागराज से 89000 कफ सिरप की शीशियों को बिहार में एक फर्म के नाम पर भेजने के लिए मंगाया। कागज पर बिहार भेजना दिखाया गया, लेकिन कहां बेचा इसका प्रमाण नहीं मिला। इसी फर्म ने 13000 शीशी गोरखपुर से भी मंगाई थी।

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इस मामले में अब तक जिन 40 फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है, इसमें ज्यादातर जालसाजी बिहार, झारखंड में कफ सिरप भेजने के नाम पर की गई है। ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली ने सारनाथ थाने में तहरीर दी है। बताया है कि जांच में पता चला सारनाथ की पीडी फार्मा ने 21 सितंबर और 6 अक्तूबर 2025 को कोडीन युक्त एस्कफ कफ सिरप की 100 एमएल की 89000 बॉटल मेसर्स एमके हेल्थकेयर प्रयागराज से कागज पर मंगवाया। 
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टीम जांच करने मौके पर गई तो सारनाथ की फर्म पर संचालक विष्णु पांडेय मिले। यहां न तो कोई दवा मिली और न ही बिक्री से जुड़े कागजात मिले। कई बार नोटिस देने के बाद भी विष्णु पांडेय उपस्थित नहीं हुए। पिता संजय पांडेय ने फर्म का निरीक्षण करवाया तो यहां भी कोई दवा नहीं मिली। बहुत प्रयास के बाद किसी तरह विक्रय के कागजात दिए तो पता चला कि 89000 कफ सिरप बिहार में मां दुर्गा ट्रेडर्स, अमर इंटरप्राइजेज, मां काली डिस्टीब्यूटर, श्री जगन्नाथ इंटरप्राइजेज रांची झारखंड को बेचे गए।

पोर्टल पर दर्ज मोबाइल नंबर भी बंद मिला

ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली ने बताया कि बिहार में जांच के बाद भी इन किसी भी फर्म से कोई भी कागजात नहीं दिया गया। गोरखपुर के कूड़ाघाट सिंघड़िया में मेसर्स वीप्रा फार्मास्यूटिकल्स से सारनाथ की पीडी फार्मा को 100 एमएल की 13000 बॉटल फेंसेडील कफ सिरप की बिक्री की गई है। इस पर भी सारनाथ की फर्म से बिक्री के कागजात मांगने पर नहीं मिले। यहीं नहीं पोर्टल पर जो मोबाइल नंबर है, वो भी बंद मिला।

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तीन साल में जारी हुए लाइसेंस की नए सिरे से खुलेगी फाइल
कफ सिरप प्रकरण में एक के बाद एक जालसाजी का खुलासा होने के बाद फर्मों पर कार्रवाई के बाद अब अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी है। इसमें खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन की ओर से अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करवाई जानी है। इसके लिए पिछले तीन साल में वाराणसी सहित आसपास के जिलों में तैनात अधिकारियों के कार्यकाल में उनके द्वारा जारी लाइसेंस संबंधी फाइलों को नए सिरे से खोला जा सकता है। लखनऊ से जांच करने आई एडिशनल कमिश्नर रेखा एस चौहान ने अधिकारियों पर भी नाराजगी जताई थी। बातचीत में उन्होंने बताया कि जिस जिस फर्मों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई और लाइसेंस निरस्त किया गया है, उनके लाइसेंस किस अधिकारी के कार्यकाल में जारी हुए थे, उसकी जांच भी करवाई जा रही है। संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा जाएगा। कुल मिलाकर अधिकारियों की इस प्रकरण में भूमिका की जांच करवाई जाएगी।

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