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Research in BHU: काशी के 90% लोग यूपीआई से करते हैं लेनदेन, 240 लोगों से 62 सवालों पर बीएचयू में अध्ययन

हिमांशु अस्थाना, अमर उजाला ब्यूरो, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Tue, 23 Dec 2025 12:14 PM IST
सार

Varanasi News: बीएचयू के वाणिज्य संकाय के अध्ययन के दौरान गांव और शहर के 240 लोगों से बातचीत के आधार पर डेटा तैयार किया गया। इसमें सामने आया कि 17% लोगों ने कभी न कभी किसी संदेहास्पद लिंक पर क्लिक किया।

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Research in BHU 90% of people in Varanasi use UPI for transactions study on 240 people and 62 questions
यूपीआई के जरिए भुगतान - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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काशी के 90 फीसदी से ज्यादा निवासी यूपीआई से लेनदेन करते हैं। यूपीआई के साथ ही नेट बैंकिंग और वॉलेट्स को मिला दें तो ये तादाद 91 फीसदी होगी। 28 फीसदी ने माना कि डिजिटल भुगतान में कमी के पीछे तकनीक नहीं, बल्कि जानकारी और सावधानी की कमी मुख्य समस्या है। शहर के 74 फीसदी लोग सोशल मीडिया के रेगुलर यूजर हैं जबकि 17 फीसदी ने कभी न कभी किसी संदेहास्पद लिंक पर क्लिक किया है। 

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वहीं, 15 फीसदी लोगों को साइबर सिक्योरिटी शब्द के बारे में जानकारी ही नहीं है। ये तथ्य बीएचयू के वाणिज्य संकाय में हुए एक अध्ययन में सामने आए हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लाल बाबू जायसवाल और उनकी शोध छात्रा महिमा, मुस्कान, अनीशा और हर्ष पंडित की ओर से दो महीने से अध्ययन कर गांव और शहर दोनों जगहों से 240 लोगों से बातचीत और लिखित आंकड़े जुटाए गए। कुल 62 सवाल पूछे गए।

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18 फीसदी लोगों ने शेयर किए ओटीपी

41 फीसदी प्रतिभागी अपने फोन में बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम पिन, आधार आदि जैसी जानकारियां सेव करते हैं। 18 फीसदी ने कभी न कभी अपने ओटीपी, पिन या बैंक विवरण शेयर करने करने की बात मानी। यह लापरवाही साइबर हमलों का जोखिम बढ़ाती है। कुल 73 फीसदी लोग हमेशा अपने खातों के लिए मजबूत और यूनिक पासवर्ड बनाते हैं। जबकि 21 फीसदी कभी-कभार ऐसा करते हैं। इसी तरह 78 फीसदी लोग अपने अकाउंट में टू-स्टेप सर्टिफिकेशन का उपयोग करते हैं।

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45% लोग साइबर सुरक्षा से परिचित

साइबर सुरक्षा जागरूकता सर्वे में शामिल 240 लोगों में 45 फीसदी साइबर सुरक्षा से बहुत परिचित और 41 फीसदी कुछ परिचित मिले। यानी लगभग 85 फीसदी लोगों को साइबर सुरक्षा शब्द की जानकारी है। फिर भी, केवल 22 फीसदी ने ही कभी साइबर सुरक्षा पर कोई प्रशिक्षण या जागरूकता कार्यक्रम (वर्कशॉप/सेमिनार) अटेंड किया है। ॉ

भारत के साइबर सुरक्षा संबंधी सरकारी इनिशिएटिव जैसे डीपीडीपी कानून 2023 से सिर्फ 24 फीसदी लोग ही अच्छी तरह से अवगत हैं। जबकि 22 फीसदी ने कभी इनके बारे में सुना तक नहीं। बाकी 31 फीसदी ने कहा कि वे कुछ हद तक इस कानून के बारे में जानते हैं। अध्ययनकर्ता डॉ. पटेल ने बताया कि इस आंकड़े से पता चलता है कि सरकारी सुरक्षा नीतियों की जानकारी अभी सभी तक नहीं पहुंची है।
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