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Sawan: सावन के अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार, शाम से उमड़ने लगे भक्त; घाटों पर सुरक्षा

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Sun, 03 Aug 2025 04:21 PM IST
सार

Sawan Somwar 2025: गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण घाटों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। भक्तों के सुगम दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 

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Rudraksha decoration of Baba Vishwanath on last Monday of Sawan devotees started gathering
काशी विश्वनाथ धाम में जुटे भक्त। - फोटो : अमर उजाला
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Varanasi News: सावन के अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार किया जाएगा। भक्त बाबा के रुद्राक्ष से सजे हुए स्वरूप का दर्शन कर सकेंगे। अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ को जल अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं की कतार रविवार की शाम से ही बैरिकेडिंग में लग गई थी।

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सोमवार को मैदागिन से गोदौलिया तक नो व्हीकल जोन रहेगा। वृद्ध और दिव्यांगों के लिए निशुल्क ई रिक्शा की सुविधा मिलेगी। सड़क पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए धाम क्षेत्र में जिगजैग बैरिकेडिंग लगाई गई है। 
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सावन के अंतिम सोमवार को त्रिवेणी के जल से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों का जत्था पैदल ही काशी पहुंचेगा। श्रद्धालुओं को ढुंढिराज, गेट नंबर चार ए व बी और नंदू फारिया लेन से धाम में प्रवेश मिलेगा। दशाश्वमेध घाट और चौक की तरफ से श्रद्धालु बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होकर धाम में पहुंचेंगे।

पांच जगहों पर रहेंगे चिकित्सक : श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा सुविधा का भी इंतजाम किया गया है। मंदिर परिक्षेत्र में पांच स्थानों पर चिकित्सकों की टीम तैनात की गई है। मंदिर में दो एंबुलेंस रहेगी। प्रयागराज-वाराणसी मार्ग की एक लेन कांवड़ियों के लिए सुरक्षित की गई है। वहीं, 10 क्विक रिस्पांस टीम 24 घंटे तैनात रहेगी। 

काशी पहुंची कलश यात्रा 
वाराणसी। पीडीए की जल कलश यात्रा शनिवार को काशी पहुंची। पांच जुलाई को हरिद्वार से जल लेकर समाजवादी कांवड़िया दल निकला हुआ है। जो विभिन्न शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हुए शनिवार की शाम काशी पहुंच गया। पार्टी के अनुसार रविवार को बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने के साथ इसका समापन होगा। पिंडरा के जरिये काशी की सीमा में प्रवेश होने पर करखियाव पर सपा ने भव्य स्वागत किया। पीडीए जल कलश यात्रा का नेतृत्व कर रहे गौरव यादव का कहना है कि हरिद्वार से 51 किलो जल से भरे कलश लेकर यात्रा निकाली गई। 

अमरनाथ यात्रा बंद होने से लौट रहे 500 श्रद्धालु
भारी बारिश और बाढ़ को देखते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा नौ दिन पहले शुक्रवार को ही बंद कर दी थी। इससे पूर्वांचल के 500 से अधिक श्रद्धालुओं को लौटना पड़ रहा है। इनमें बनारस के 30 सेवादारों का जत्था भी आने की तैयारी में है। कुछ लोग वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने चले गए हैं। पूर्वांचल भर से करीब 25 हजार श्रद्धालु यात्रा में गए हैं। 

यात्रा बंद होने से बनारस की संस्था श्रीबाबा काशी विश्वनाथ सेवा समिति की ओर से 25 साल से जम्मू के पहलगाम में लगाया जा रहा सेवा शिविर भी बंद हो गया है। संस्था के अध्यक्ष दिलीप सिंह बंटी ने बताया कि हर साल पूर्वांचल के 10 जिलों से 25 से 30 हजार श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भी 25 हजार श्रद्धालु यात्रा में गए थे। भारी बारिश के चलते जम्मू कश्मीर सरकार ने यात्रा बंद की है। 

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