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Sawan: 22 तीर्थों के जल से हुआ महारुद्राभिषेक, अर्पित किया 11 हजार बेलपत्र; काशी में अभिषेक का अनंत कोटि फल

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Tue, 05 Aug 2025 05:53 AM IST
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सार

सामूहिक महारुद्राभिषेक के अवसर पर भक्तों ने विधि-विधान से बाबा का पूजन-अर्चन किया। कथा मर्मज्ञ श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने इसका महत्व भी बताया। कहा कि ऐसे पूजन से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

Sawan Maharudra Abhishek done with water of 22 pilgrimages 11 thousand Bel leaves offered
सामूहिक महारुद्राभिषेक करते हुए। - फोटो : अमर उजाला
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श्रीश्याम मंडल ट्रस्ट और श्रीकाशी सत्संग सेवा समिति की ओर से महमूरगंज स्थित शुभम लॉन में चल रहे आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन बुधवार को सामूहिक महारुद्राभिषेक हुआ। कथा मर्मज्ञ श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने कथा स्थल पर नर्वदेश्वर महादेव के शिवलिंग का 22 तीर्थों के जल और 501 लीटर दूध से रुद्राभिषेक किया। रुद्राभिषेक के बाद महादेव को 11 हजार बेलपत्र अर्पित किए गए।

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सोमवार की सुबह 10 बजे आचार्य वेंकट रमण घनपाठी के आचार्यत्व में 11 वैदिक ब्राह्मणों ने चारों वेद का स्वस्तिवाचन किया गया। उसके बाद कथा व्यास एवं यजमान बैजनाथ भालोटिया, विनोद भालोटिया, सुनील नोमानी, श्रीनारायण अग्रवाल ने सपत्नीक गौरी गणेश पूजन, नवग्रह पूजन, वरुण पूजन किया। अमृत कलश पूजन और षोडशोपचार विधि से नर्वदेश्वर महादेव शिवलिंग पूजन किया गया।
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रुद्रााभिषेक से पूर्व महादेव को पंचगव्य का लेप लगाया गया। उसके बाद पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराया गया। अंत में पंचरस (गन्ना, अनार, संतरा, नारियल, आम के रस) से बाबा का अभिषेक किया गया। उसके बाद महादेव का रुद्राअष्टाध्यायी से लघु रुद्र अभिषेक किया गया।

गूंजा हर-हर महादेव

रुद्राभिषेक में महादेव को 22 तीर्थों का जल भी अर्पित किया गया। उसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, हरिद्वार, रामेश्वरम्, गंगोत्री, नर्मदा, गोमती, पुष्कर, मंदाकिनी, प्रयागराज संगम, गंगासागर, लोहा बिरजी, अलकनंदा, नर्मदा, काशी के गंगाजल और महामृत्युंजय महादेव के धन्वंतरि कूप के जल के साथ समस्त नदियों के जल के मिश्रण से बाबा का अभिषेक किया गया।

बालव्यास श्रीकांत शर्मा ने कहा कि काशी में सावन में रुद्राभिषेक करने का सहस्त्र कोटि यज्ञ करने का समान फल प्राप्त होता है। इस सांसारिक दुनिया में सबकुछ नश्वर है, जो कुछ है वह भस्म है, इसलिए बाबा विश्वनाथ सदैव भस्मी ही रमाए रहते हैं। रुद्राभिषेक के दौरान बालव्यास ने भजनों की गंगा भी बहाई। उन्होंने भजन सारे जग का है वह रखवाला, मेरा भोला बाबा बड़ा भोला भाला... भी श्रद्धालुओं को सुनाया। इस अवसर पर अवधेश खेमका, राजेश तुलस्यान, महेश चौधरी, सुरेश तुलस्यान, दीपक बजाज, जयकिशन केडिया, कृष्ण कुमार काबरा शामिल रहे।

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