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पवन-सौर ऊर्जा से थर्मल पावर को मिल रही कड़ी चुनौती

टीम डिजिटल/अमर उजाला, अनपरा Updated Fri, 10 Feb 2017 12:23 PM IST
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Thermal power getting big challenge Wind and solar energy
पॉवर कट - फोटो : अमर उजाला
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बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के बीच पवन और सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन का दायरा बढ़ता जा रहा है। ..लेकिन अब यह बिजली, थर्मल पावर सेक्टर (कोयले से उत्पादित बिजली) के लिए चुनौती बनने लगी है। चूंकि पवन-सौर ऊर्जा की लागत चाहे जो आए, ग्रिड में सबसे पहले इसी बिजली को लिया जाना है।

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इसके बाद उन तापीय बिजली परियोजनाओं की बिजली ली जाएगी, जो सस्ती बिजली देंगी। महंगी बिजली देनी वाली परियोजनाओं को शिड्यूल यानी उत्पादन के लिए तभी कहा जाएगा, जब मांग ज्यादा बढ़ेगी।
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इससे जहां परियोजनाओं पर बिजली लागत कम करने का दबाव बढ़ने लगा है। वहीं ऐसा न होने की दशा में थर्मल बैकिंग में वृद्धि होने लगी है।  इस नई चुनौती से देश के कई बिजलीघर तो जूझ ही रहे हैं, देश के सबसे बड़े 4760 मेगावाट वाले विद्युतगृह एनटीपीसी विंध्याचल को भी इससे जूझना पड़ रहा है।

खुद एनटीपीसी विंध्याचल के प्रमुख राजेश कुमार भटनागर भी इस बात को स्वीकारते हैं। आंकड़े बताते हैं कि बारिश के चलते मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस परियोजना को एनसीएल के अलावा दूसरी कोल कंपनियों से कोयला लेना पड़ा। इससे परियोजना की बिजली लागत जो 1.68 के आस-पास थी।

ग्रिड में सबसे पहले ली जा रही है विंड और सोलर एनर्जी

Thermal power getting big challenge Wind and solar energy
Power - फोटो : demo
वह बढ़कर 1.73 रुपये पहुंच गई। इसका परिणाम यह हुआ कि यहां की बिजली काफी सस्ती होने के बावजूद बारिश के समय पूरा शिड्यूल नहीं मिल पाया, जिससे इस वित्तीय वर्ष के तीसरी तिमाही तक का प्लांट लोड फैक्टर 75.4 प्रतिशत ही पहुंच सका।

बारिश के समय दिक्कत न आती तो पीएलफ 82 से 87 के आस-पास होता। राजेश भटनागर के मुताबिक जो हालात हैं उसमें परियोजनाओं को बिजली उत्पादन लागत कम से कम करना होगा। तभी बिजली आपूर्ति का शिड्यूल मिल पाएगा।

बताया कि इसके लिए उनके यहां एनसीएल से ही और वह भी अपने एमजीआर सेक्सन से ज्यादा से ज्यादा कोयला लेने पर जोर दिया जा रहा है ताकि चुनौती के दौर में भी पीएलएफ बेहतर बना रहे।

बता दें कि राज्य सेक्टर की पनकी और पारीक्षा में भी कई दिन से बिजली उत्पादन शून्य बना हुआ है। इसके पीछे यहां की बिजली महंगी होने को प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
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