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UP: वाराणसी में 50 से ज्यादा धार्मिक स्थलों के कुछ हिस्से का होता है व्यवसायिक इस्तेमाल; शुरू किया गया सर्वे

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Tue, 23 Dec 2025 11:00 AM IST
सार

Varanasi News: वाराणसी में नगर निगम ने नए सिरे से सार्वजनिक धार्मिक स्थलों का सर्वे शुरू किया। इस दौरान 50 से अधिक ऐसे स्थल मिले, जहां कुछ हिस्से का व्यवसायिक इस्तेमाल होता है। 

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Varanasi Municipal Corporation started fresh survey of public religious places
वाराणसी गंगा घाट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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वाराणसी नगर निगम ने नए सिरे से शहर के सार्वजनिक धार्मिक स्थलों का सर्वे शुरू किया है। सर्वे करने वालों के अनुसार, अब तक 50 से अधिक धार्मिक स्थल मिले हैं जहां पूजा पाठ के अलावा कुछ हिस्से का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जाता है। इनका प्रबंधन की ओर से किराया भी वसूला जाता है। चूंकि धार्मिक स्थलों के कर को लेकर पिछले दिनों मठ मंदिर प्रबंधन की ओर से आपत्ति की गई थी। जिसके बाद नगर निगम ने स्पष्ट किया था कि धार्मिक स्थलों को संपत्तिकर से मुक्त किया गया है। पहले गृहकर का बिल नगर निगम की ओर से जारी किया जाता था। 

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जलकल विभाग की ओर से जलकर और सीवरकर का बिल जारी किया जाता था। इस वित्तीय वर्ष से तीनों का एकीकृत बिल जारी हो रहा है। ऑटो जनरेटेड बिल जारी होने से दिक्कत आई थी। जिसे सुधारने का काम किया जा रहा है। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 175 और 177 में वर्णित है कि धार्मिक स्थल गृहकर से मुक्त हैं, लेकिन जलकर और सीवरकर से अवमुक्त नहीं किया गया है।

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निगम के पास कई धार्मिक स्थल प्रबंधन ने भेजा पत्र

इस बीच शहर के कई धार्मिक स्थलों के प्रबंधन की ओर से नगर निगम को पत्र भेजा जा रहा है। वे नियमानुसार टैक्स देना चाहते हैं, बशर्ते केवल व्यवसायिक इस्तेमाल वाले क्षेत्र का। जिसे लेकर एक बायलाज तैयार किया जाएगा ताकि आने वाले दिनों में किसी प्रकार की समस्या न हो।

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80 जी प्रमाण पर दिखाने वाले 50 प्रतिशत का लेंगे लाभ
शहर में 80 जी की सुविधा पाने वाले 15 से अधिक सार्वजनिक धार्मिक स्थल हैं। अब तक इनकी ओर से प्रमाणपत्र नहीं आया है। दरअसल, 80 जी की सुविधा पाने वाले धार्मिक स्थलों का गृहकर पूरी तरह माफ होता है। केवल सीवर कर और जलकर में 50 प्रतिशत की धनराशि देनी होती है।

एकीकृत बिल से बढ़ा निगम का राजस्व

एकीकृत बिल जारी होने से निगम को काफी फायदा हो रहा है। दिसंबर में सवा चार करोड़ की वसूली हुई थी। 60 प्रतिशत गृहकर था और 40 प्रतिशत जलकर और सीवरकर था। इस बार वसूली साढ़े पांच करोड़ की हुई है। इसमें 60 प्रतिशत जलकर और सीवरकर आया है जबकि 40 प्रतिशत गृहकर आया है।
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