Varanasi News: दालमंडी को बचाने के लिए मुफ्ती-ए-शहर ने लगाई गुहार, राष्ट्रपति, पीएम सहित इनको भेजा पत्र
मुफ्ती ए शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने दालमंडी के चाैड़ीकरण को लेकर देश के शीर्षस्थ नेताओं को पत्र लिखा है। कहा है कि यह परियोजना स्थगित कर दी जाए।
 
                            विस्तार
Varanasi News: दालमंडी के चौड़ीकरण की जद में आने वाली छह मस्जिदों को ध्वस्त किए जाने की आशंका से मुसलमान चिंतित हैं। मुफ्ती ए शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता विपक्ष राहुल गांधी, सपा मुखिया अखिलेश यादव तथा देश के सभी सांसदों को पत्र भेजकर दालमंडी को बचाने की गुहार लगाई है।
 
मुफ्ती ए शहर ने अपने पत्र में लिखा है कि वाराणसी का ऐतिहासिक और जीवंत क्षेत्र दालमंडी पूर्वांचल का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। यहां वर्षों से विविध सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग परस्पर सौहार्द के साथ व्यापारिक गतिविधियों में संलग्न हैं।
इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लगभग 10 हजार परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है। परंतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित एक परियोजना के अंतर्गत दालमंडी में लगभग 13फीट चौड़ी गली को 56 फीट तक विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए लगभग 220 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
इस चौड़ीकरण के फलस्वरूप सैकड़ों दुकानें, मकान और धार्मिक स्थलों को तोड़ा जाना प्रस्तावित है। ऐसे समय में जब देश पहले ही गंभीर आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और सामाजिक असंतुलन से जूझ रहा है, यह निर्णय इस क्षेत्र के नागरिकों पर गहरा सामाजिक और आर्थिक आघात पहुंचा सकता है।
बोले- बनाएं वैकल्कि मार्ग
दालमंडी क्षेत्र सांप्रदायिक सद्भाव का उत्कृष्ट उदाहरण रहा है। यह क्षेत्र न केवल व्यापारिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के साहित्य, कला और संस्कृति की महान विभूतियों की जन्मस्थली एवं कर्मभूमि भी रहा है। 
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                इस गली के लगभग छह सौ मीटर लंबे मार्ग के विकल्पस्वरूप मात्र 40 मीटर के वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध हैं, जिन पर कार्य किए जाने से कम लागत, न्यूनतम तोड़फोड़ और व्यापक जनहित संभव है। इस मार्ग में इस्लाम धर्म से संबंधित छह प्राचीन पंजीकृत वक्फ मस्जिदें स्थित हैं, जिनका विध्वंस न केवल संवैधानिक और धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन होगा, बल्कि यह देश के अल्पसंख्यक समुदायों में गहरी असुरक्षा और आक्रोश उत्पन्न कर सकता है।
परियोजना को स्थगित करने की मांग
यह पूरी कार्ययोजना एक विशेष समुदाय के विरुद्ध पूर्वाग्रहपूर्ण निर्णय की आशंका को भी जन्म देती है। मुफ्ती ने कहा कि हाईकोर्ट में इस परियोजना के विरुद्ध संबंधित मस्जिदों और भवन स्वामियों को अस्थायी स्थगन आदेश प्रदान किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि इस परियोजना में विधिक जटिलताएं भी अंतर्निहित हैं। 
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                अत: इस विषय की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए प्रदेश सरकार को इस परियोजना को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने एवं इसके वैकल्पिक मार्गों को तलाश करने के लिए निर्देशित करें। आपकी दया, संवेदनशीलता और न्यायप्रियता ही इस ऐतिहासिक क्षेत्र के नागरिकों की आजीविका, धार्मिक स्थलों और सामाजिक सौहार्द्र की रक्षा कर सकती है।