Varanasi: दक्षिण भारत के 40 से ज्यादा कारीगर कर रहे विशालाक्षी मंदिर की मरम्मत, 50 विद्वान कराएंगे कुंभाभिषेक
Varanasi News: दक्षिण भारत के 40 से ज्यादा कारीगर विशालाक्षी मंदिर की मरम्मत कर रहे हैं। 12 साल के बाद 28 नवंबर से काशी और दक्षिण भारत के 50 विद्वान यहां कुंभाभिषेक कराएंगे।

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देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल काशी के शक्तिपीठ मां विशालाक्षी के कुंभाभिषेक की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। दक्षिण भारत के 40 कारीगर मंदिर की मरम्मत और रंगरोगन में जुटे हुए हैं। 12 साल के बाद होने वाले 10वें कुंभाभिषेक को कराने के लिए दक्षिण भारत के वैदिक विद्वानों की टोली भी काशी आएगी।

मीरघाट स्थित मां विशालाक्षी का मंदिर अब नए स्वरूप में निखरने लगा है। कुंभाभिषेक के लिए मां विशालाक्षी मंदिर की मरम्मत का कार्य और सफाई का कार्य चल रहा है। छोटी-छोटी टूटी हुई मूर्तियों की मरम्मत का कार्य भी शुरू हो चुका है। नवग्रह क्षेत्र का कार्य पूरा हो चुका है और मंदिर में रंगरोगन अब अंतिम दौर में चल रहा है।
नाटकोटि के उपाध्यक्ष पीएलएम मुतइया ने बताया कि दक्षिण भारत के 40 से अधिक कारीगर रोजाना 12 से 14 घंटे काम करके मंदिर को भव्य स्वरूप देने में लगे हुए हैं। एक दिसंबर को होने वाले कुंभाभिषेक से पहले मंदिर शिखर को स्वर्णमंडित कर दिया जाएगा।
इसके अलावा मंदिर के पांच कलशों पर तांबा लगाया जाएगा। कुंभाभिषेक के बाद आम श्रद्धालु माता विशालाक्षी के साथ ही मां कामाक्षी और मीनाक्षी देवी के भी दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही मंदिर में माता के साथ भगवान गणेश और कार्तिकेय के भी दर्शन होंगे।
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