Weather Update: बनारस में बिन बारिश ही लौट जा रहे बादल, एक बार फिर धूप-उमस कर रही परेशान
वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में मानसून की स्थिति मजबूत नहीं हो पा रही है। आसमान में बादल दिख रहे हैं, लेकिन कमजोर सिस्टम के कारण झमाझम बारिश नहीं हो पा रही है। एक बार फिर से गर्मी और उमस का एहसास होने लगा है।

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वाराणसी समेत आसपास के जिलों में मौसम का हाल बेहाल है। झमाझम बारिश नहीं हो रही मगर पूर्वांचल में गंगा उफान पर है। बिन बारिश ही बादल लौट जा रहे हैं। वाराणसी में सोमवार सुबह से तेज धूप निकली है। पिछले तीन-चार दिन से चल रहीं नम हवाओं से मौसम का मिजाज ठंडा था लेकिन अब एक बार फिर से गर्मी और उमस से होने लगी है।

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, अगले दो तीन दिनों में बारिश जैसी स्थिति कम ही बनेगी। दिन में बादल और धूप से उमस बढ़ेगा। वाराणसी में बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य रहा। न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गंगा का जलस्तर घटने से कम हुई दहशत
बनारस में गंगा का जलस्तर सोमवार सुबह पांच बजे से घटने लगा है। सुबह नौ बजे गंगा का जलस्तर 69.69 मीटर दर्ज किया गया। इससे तटवर्ती इलाकों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है। गंगा में भले ही जलस्तर कम होना शुरू हो गया हो, लेकिन लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। सभी घाटों का आपसी संपर्क खत्म है।
बाढ़ की वजह से हरिश्चंद्र घाट की गलियों में शवदाह हो रहा है। जबकि गंगा आरती का स्थल पूर्व में ही छत पर किया जा चुका है। बीते सात दिनों से बढ़ाव के बाद रविवार सुबह गंगा के जलस्तर में ठहराव आया और सोमवार सुबह से जलस्तर में गिरावट शुरू हुई। हालांकि बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर है।
मौसम में बदलाव से हो रहे बीमार
बदलते मौसम के बीच शहर से लेकर गांव तक मच्छर जनित रोगों का खतरा बढ़ने लगा है। प्राइवेट अस्पतालों के साथ ही सरकारी में मरीजों की भरमार है। पांच से सात सौ तक की होने वाली ओपीडी अब एक हजार के आंकड़े को पार कर रही है। थोड़ी भी आशंका होने पर चिकित्सक मलेरिया, डेंगू और टाइफाइड की जांच करा रहे हैं। वाराणसी में डेंगू का दो केस सामने आया है। दो की रिपोर्ट का इंतजार है।