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Law will be used, why will Dhirendra Krishna Shastri file a petition in the High Court? Gayaji
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कानून का सहारा लिया जाएगा, Dhirendra Krishna Shastri High Court में क्यों दायर करेंगे याचिका? Gayaji
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Tue, 16 Sep 2025 12:00 PM IST
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पितृपक्ष मेला के दौरान बाबा बागेश्वर धाम के सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री तीन दिवसीय प्रवास पर गयाजी पहुंचे। सोमवार को उन्होंने अपने प्रवास के दौरान सनातनी परंपरा और गुरुकुलम पर विस्तृत विचार व्यक्त किए। बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस देश का दुर्भाग्य है कि हम सनातनी परंपरा को मानने वाले लोग अपनी ही धार्मिक मान्यताओं का मजाक बना रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पूजा में काम आने वाले सरस्वती कपूर की तस्वीर का उपयोग रैपर बनाने में किया जाता है और इसके बाद उस रैपर को डस्टबिन में फेंक दिया जाता है। उन्होंने सनातनी लोगों से अपील की कि वे सतर्क रहें। बाबा ने कहा कि अपने धाम की तरफ से भारत की न्यायप्रणाली का सम्मान करते हुए कानून का सहारा लिया जाएगा और इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने वकीलों और हिंदुओं से अपील की कि धार्मिक मान्यता के आधार पर इस प्रकार के भगवान के चित्रों पर रोक लगाई जाए। बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि बड़ी मस्जिदों के पास मदरसा है, चर्चों के पास कॉन्वेंट स्कूल हैं, लेकिन मठों के पास गुरुकुलम नहीं हैं। जो गुरुकुलम थे, वे बंद हो रहे हैं। उन्होंने महर्षि महेश योगी की वैदिक परंपरा का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने लाखों विद्यार्थियों को गुरुकुलम की परंपरा से प्रशिक्षित किया, लेकिन आज वह बंद हो गया। बाबा ने सरकार से अपील की कि मदरसों की तरह वैदिक गुरुकुलम को भी विशेष फोकस और फंड दिया जाए। उन्होंने कहा कि मंदिरों का भव्य निर्माण जरूरी नहीं है, लेकिन हर मठ और मंदिर के साथ एक गुरुकुलम होना चाहिए, ताकि वैदिक परंपरा और संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो। उन्होंने चेताया कि Zen Generation, यानी नई पीढ़ी, जो 30 साल बाद देश को चलाएगी, उसे श्राद्ध पक्ष, सोलह संस्कार, विद्या, वेद, संस्कृत और संस्कृति की जानकारी नहीं होगी यदि हम उन्हें नहीं सिखाएंगे। बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मुसलमान धर्म में पांच रोजाना नमाज पढ़ना आवश्यक है और वे इसे कट्टरता से सिखाते हैं। ईसाई धर्म में रविवार को चर्च में प्रार्थना करना अनिवार्य है। लेकिन हिंदू समाज में ऐसा कोई अनुशासन नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सभी सिर्फ “हिंदू हिंदू” कहते हैं, लेकिन वास्तव में कुछ नहीं कर रहे हैं। इसलिए हर मठ में गुरुकुलम की स्थापना बहुत जरूरी है। बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अभी उनका ध्यान अस्पताल निर्माण में है, इसके बाद अपने धाम पर गुरुकुलम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की व्यवस्थाओं से हिंदू राष्ट्र स्थापित होगा। जब तक हिंदू अपने आप पर गर्व नहीं करेंगे, देश पूर्ण रूप से हिंदू राष्ट्र नहीं बन पाएगा। भारत वर्तमान में अघोषित रूप से हिंदू राष्ट्र है, लेकिन घोषित रूप से हिंदू राष्ट्र वैचारिक क्रांति से बनेगा। इसके लिए वे पदयात्रा भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मठों में गुरुकुलम स्थापित हों, गाय माता और राष्ट्र माता की रक्षा हो, संत परंपरा बनी रहे और संत आपस में झगड़ा बंद करें। बाबा ने कहा कि समस्या मुसलमानों और ईसाइयों में नहीं, बल्कि अपने ही लोगों में है। हमारे ही लोग दूसरों की टांग खींच रहे हैं, संत आपस में लड़ रहे हैं और यह देखकर दूसरों को मजा आता है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक मुसलमान भाई हंसकर कह रहा था, “पहले अपने आप को निपट लो, महात्मा। तुमसे लड़ रहे हो, हमसे क्या लड़ोगे?”
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