जीएमसीएच-32 के नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान भगवान सहाय ने बताया कि अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसरों की भारी कमी बनी हुई है, जो अब एक गंभीर और लगातार बढ़ती समस्या बन चुकी है। सीमित स्टाफ के सहारे ओपीडी, वार्ड और इमरजेंसी सेवाएं चलाई जा रही हैं, जिसके चलते मौजूदा नर्सिंग कर्मियों पर काम का अत्यधिक बोझ पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि तय मानकों से कहीं ज्यादा मरीजों की जिम्मेदारी एक-एक नर्स को निभानी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि गजटेड छुट्टियां न मिलने और पर्याप्त आराम के अभाव में नर्सिंग स्टाफ मानसिक तनाव से जूझ रहा है। इसका सीधा असर उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है, जिससे थकान, तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
भगवान सहाय के मुताबिक स्टाफ की कमी का प्रभाव मरीजों के इलाज पर भी साफ दिखाई दे रहा है। समय पर देखभाल, दवाओं के प्रबंधन और मरीजों की नियमित निगरानी में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि नर्सिंग ऑफिसरों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाए, ताकि स्टाफ को राहत मिल सके और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।