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VIDEO : Patients kept getting referred to Noida district hospital even in the cold doctors were not available and tests could not be conducted
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VIDEO : नोएडा जिला अस्पताल में ठंड में भी रेफर होते रहे मरीज, ना मिले डॉक्टर ना हो सकी जांच
नोएडा ब्यूरो
Updated Sat, 21 Dec 2024 10:40 PM IST
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कड़कती ठंड में देर रात जब किसी मरीज को इलाज की जरूरत हो तो नजदीकी जिला अस्पताल जाते हैं, लेकिन यहां पर उचित सुविधा न होने पर मरीजों को दूसरे अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सेक्टर 39 स्थित जिला अस्पताल में इलाज करवाने जा रहे मरीजों को सफदरजंग के लिए रेफर किया जाता है क्योंकि जिला अस्पताल में इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह स्थिति बृहस्पतिवार की रात जिला अस्पताल में देखने को मिली जब अमर उजाला से वान्या दीक्षित और अमित शुक्ला ने देर रात जिला अस्पताल की पड़ताल की। इसके साथ ही अस्पताल में अन्य अव्यवस्थाएं भी देखने को मिलीं।
पड़ताल के दौरान देखने को मिला कि रेफर करने के नाम पर मरीजों के परिजनों ने आपत्ति जताई और कहा कि इतनी बड़ी बिल्डिंग बनाने से क्या फायदा जब यहां पर उचित सुविधा के नाम पर डॉक्टर और मशीनें नहीं हैं। सदरपुर से आए राहुल (35) ने तेजाब पी लिया था। आनन फानन में परिजनों ने उन्हें जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती करवाया। यहां डॉक्टर ने ग्लूकोस आदि लगाकर इलाज शुरू किया, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि हमारे पास जांच की मशीन नहीं है जिससे हम अंदर की स्थिति जान सकें। इसलिए इनको सफदरजंग ही ले जाओ। इसके बाद परिजन राहुल को लेकर सफदरजंग चले गए हालांकि परिजनों ने काफी नाराजगी भी जताई। वहीं, चोटपुर से आए निरंजन (55) को गंभीर रूप से सर्दी ने पकड़ लिया था। ऐसे में उनके दांत जकड़ गए थे और वह बोल नहीं पा रहे थे। परिजन इमरजेंसी में लेकर आए और भर्ती करवाया। डॉक्टर ने कहा कि देखते हैं अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो रेफर करना पड़ेगा। पड़ताल के दौरान तक वह अस्पताल में थे लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं था इससे परिजन नाराजगी जता रहे थे। छलेरा से आए प्रताप (60) को सांस की समस्या हो रही थी और वह निजी अस्पताल से रेफर होकर आए थे। यहां डॉक्टर ने एंबुलेंस से उतारने की बजाय उन्हें सीधे सफदरजंग के लिए ही रेफर कर दिया। कहा कि यहां उच्च सुविधा नहीं है।
- महिला वार्ड में पुरुषों का जमावड़ा
महिलाओं के पीएनसी वार्ड में पुरुषों का जमावड़ा था जबकि यहां पर पुरुषों का आना मना होता है क्योंकि यहां पर अन्य महिला मरीज भी होती हैं। ऐसे में गैर पुरुषों के वार्ड में आने पर पाबंदी होनी चाहिए। हालांकि जिला अस्पताल में ऐसा नहीं है।
- कंबल मिलता नहीं, ठंड में ठिठुरते हैं
इमरजेंसी के मरीजों को शुरुआती उपचार के बाद डॉक्टर ट्रायज एरिया में आराम करने को कहते हैं। यहां पर बेड पड़े हैं और उनपर चादर भी लगी रहती है लेकिन यहां मरीजों को कंबल नहीं दिया जाता है। ऐसे में मरीज सर्दी में ठिठुरते हैं।
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