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VIDEO : शास्त्रीय संगीत सुनाकर छात्रों को किया जा रहा तनावमुक्त, मन लगाकर कर सकेंगे पढ़ाई
नोएडा ब्यूरो
Updated Tue, 26 Nov 2024 10:23 AM IST
ऋषभ कौशल
आपने सोशल मीडिया पर वायरल ऋषभ रिखीराज शर्मा के सितार बजाते हुए के वीडियो तो खूब देखे होंगे। उस वीडियो में ऋषभ रिखीराज शर्मा के सितार बजाते ही लोग कहते हैं मानों स्वर्ग में आ गए हों। ऋषभ ने दिवाली पर व्हाइट हाउस में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था और भारत का नाम रोशन किया था।
लेकिन यह बात भी सच है कि प्राचीन काल में तानसेन जैसे महान संगीतकार भी हुआ करते थे, जो अपने गायन से और ध्वनि यंत्रों का प्रयोग कर जिस राग में गायन करते थे, उसी तरह के मनोभाव पूरे संसार में प्रभावित होने लगते थे, लोग उन्हें सुनकर राग के अनुसार रस का पान करते थे, या तो उत्तेजना बढ़ती थी या एक दम शांत तो कभी राग सुनकर चारों तरफ आग की लपटें उठने लगती थीं।
कुछ इस तरह संगीत की महत्ता जगजाहिर रही है। लेकिन अब आधुनिक काल में भी अब शास्त्रीय संगीत का महत्व बढ़ रहा है। नोएडा शहर के सेक्टर 39 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्रों को म्यूजिक थेरेपी दी जा रही है।
इसको लेकर प्राचार्य ने बताया कि छात्रों में पढ़ाई और एग्जाम का तनाव कम करने के लिए यह थेरेपी दी जा रही है। इसका प्रयोग प्राचीन समय से होता आया है। संगीत और उसकी ध्वनियों का बहुत बड़ा असर होता है। हमारे मनोभावों में उत्तेजना और शांति समेत हर प्रकार के भावों को उत्पन्न करने की शक्ति ध्वनि, राग और संगीत में होती है।
30 मिनट की थेरेपी से कम हो रहा तनाव
गौतमबुद्ध नगर जिले में पिछले साल दिसंबर महीने में बादलपुर निवासी बीटेक छात्र ने पढ़ाई और एग्जाम के तनाव के चलते आत्महत्या कर ली थी। इसी तरह के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं जिसमें आत्महत्या का एक प्रमुख कारण पढ़ाई और उसके बाद रोजगार की मार को देखा गया।
इनकी उम्र 18 से 23 साल की रही। पुलिस जांच में भी सामने आया था कि परिजनों की ओर से पढ़ाई को लेकर बार बार कहा जाता था, जिसके कारण वह पढ़ाई के तनाव में रहते थे, इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या तक कर ली।
लेकिन इसी तनाव को कम करने के लिए राजकीय डिग्री कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को म्यूजिक थेरेपी देने की कवायद की गई है। पिछले एक महीने पहले से म्यूजिक थेरेपी शुरू की गई। जिसमें अब तक एक हजार छात्रों को शामिल किया गया है। संगीत विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर आकांक्षा तिवारी ने बताया कि छात्रों को कुल 30 मिनट तक म्यूजिक थेरेपी दी जाती है।
जिसमें पहले 10 मिनट में ब्रम्हनाद कराया जाता है, जिसमें ओउम का उच्चारण कराया जाता है, उसके बाद अगले 20 मिनट तक शास्त्रीय संगीत सुनाया जाता है। जिसमें सरस्वती के यंत्र सितार और कृष्ण की बांसुरी की धुन का प्रयोग कर भारतीय शास्त्री राघव राग का प्रयोग किया जाता है। अब सेमेस्टर व अन्य एग्जाम नजदीक हैं. ऐसे में छात्रों को लगातार म्यूजिक थेरेपी दी जा रही है। ताकि वह तनावमुुक्त होकर एग्जाम की तैयारी कर सकें।
छात्रों के तनाव को कम करने के लिए म्यूजिक थेरेपी दी जा रही है। जिसमें छात्रों को शास्त्रीय संगीत सुनाया जाता है। एक बार में नही लेकिन प्रतिदिन कुछ दिनो तक इस थेरेपी को लेने वाले छात्रों के स्ट्रेस को कम देखा गया है। उनकी काउंसलिंग के लिए मनोविज्ञान विभाग भी कार्य कर रहा है।- डॉ आकांक्षा तिवारी, प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय, नोएडा
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