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VIDEO : Rameshchandra of Dadri has been improving his health by growing vegetables in 250 yards for the last ten years
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VIDEO : दस साल से 250 गज में सब्जियां उगा सेहत संवार रहे दादरी के रमेशचंद्र
विद्यार्थियों को सिखाते हुए प्रेरणा लेने वाले शिक्षक रमेशचंद्र सैनी सेवानिवृति के बाद अब घर पर पौधे उगाकर सेहत संवार रहे हैं। दस साल पहले दस पौधों से की गई शुरुआत अब बागवानी का रूप ले चुकी है। फिलहाल उन्होंने 250 गज जमीन पर करीब 150 सजावटी व फलदार पौधों लगाएं हैं।
बता दें कि रमेशचंद्र सैनी को घर पर बागवानी का शौक रहा है और फिलहाल उनके पास 10 फलदार व 60 वैरायटी के सजावटी पौधे हैं। वे स्कूल में विद्यार्थियों को विज्ञान पढ़ाते थे और उनको पर्यावरण व सेहत के बारे में बताते थे। साथ ही रसाेईघर से निकला फल-सब्जियाें का वेस्ट भी खाद में परिवर्तित करने की विधि भी बताते। दस पहले वर्ष 2014 में उन्हें प्रत्यक्ष रूप से ये सब कार्य करने का मन हुआ। उस दौरान उन्होंने दस पौधों से शुरुआत की। इसके बाद फलदार पौधे लगाए और जब फल मिलने लगे तो घर पर बगीचा ही बना लिया। इसमें उनकी पत्नी संतोष रानी का सहयोग भी रहा है और वे दोनों मिलकर पौधों की देखभाल करते करते हैं। उनकी बेटी प्रतिभा पंचकूला में रहती है और घर पर सजावटी पौधे लगाएं हैं। आठ माह पहले सजावट के लिए नगर निगम की ओर से उन्हें बीस हजार का इनाम दिया गया था।
- इस तरह तैयार करते हैं किचन वेस्ट से खाद
अब उनके पास पांच मटके हैं। इनमें रसोई से निकलने वाला फल-सब्जियों के छिलके, चायपत्ती, पौधों के पत्ते आदि मटके में भर देते हैं। जल्दी खाद बनाने के लिए इनमें पुरानी खाद, मट्ठा व गुड़ भी डालते हैं और इससे किसी प्रकार की बू भी नहीं आती। एक मटके में खाद बनने में 3 से 4 महीने लग जाते हैं। बाद में हर पौधे में आकार के अनुसार तीन माह में एक बार खाद डालते हैं।
- पेस्टीसाइड भी करते हैं तैयार
खाद के अलावा नींबू, मौसमी, प्याज, लहसून व नीम से पेस्टीसाइड यानी जैविक कीटनाशक भी तैयार करते हैं। साथ ही केला, एलोवेरा, संतरे से फर्टीलाइजर तैयार कर पौधों में 15 दिन के अंतराल पर पानी में मिलाकर देते हैं। वहीं, फूल व फलों के पर पौधों पर पेस्टीसाइड का स्प्रे करते हैं ताकि इनमें कीट न लगें।
- ये लगाएं हैं पौधे
रमेशचंद्र ने घर पर आम, अमरूद, जामुन, किन्नू, मौसमी, नींबू, सेब आदि फलदार पौधे लगाए हैं। वहीं, सजावट के लिए गुलदाऊदी, गुलाब, गुड़हल, पोर्चुलका, गेंदा, ऐरिका पाम, यूफोर्बिया मिली, स्नेक प्लांट, एलोवेरा, क्रॉटोन, टर्टल वाइन व अन्य कई किस्म के पौधे उन्होंने अपने घर पर लगाएं हैं।
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