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बहादुरगढ़ में ड्रेन ओवरफ्लो से जलप्रलय, रिहायशी इलाके डूबे; झज्जर जिले में 11,000 एकड़ फसल बर्बाद
हरियाणा में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। बहादुरगढ़ शहर में भारी बारिश के कारण ड्रेन ओवरफ्लो हो गया, जिससे रिहायशी क्षेत्रों में पानी भर गया। आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र की कई फैक्ट्रियां भी जलमग्न हो गईं।
इस आपदा से निपटने के लिए झज्जर जिले के डीसी पूरे प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीआरएफ की टीम को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है। इसके अलावा, झज्जर जिले में करीब 11,000 एकड़ फसल को भारी बरसात से भारी नुकसान हुआ है, जिसमें छुड़ानी गांव में 1,000 एकड़ धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। डीसी ने कहा कि पूरा प्रशासन अलर्ट मोड पर है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
फसलों के नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया गया है। भारी बारिश के चलते सभी स्कूलों में आज छुट्टी घोषित कर दी गई है, जबकि पानी निकासी के लिए पंप सेटों की व्यवस्था की गई है।यह घटना उत्तर भारत में सितंबर 2025 में हो रही भारी बारिश की श्रृंखला का हिस्सा है, जहां दिल्ली-एनसीआर सहित हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिससे नदियां उफान पर हैं और निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है। बहादुरगढ़ के रिहायशी इलाकों में जलभराव से लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। सड़कें तालाब बन गई हैं, जिससे वाहन डूब रहे हैं और यातायात ठप हो गया है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम की खराब स्थिति के कारण यह समस्या हर साल बढ़ती जा रही है।आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों के जलमग्न होने से उत्पादन प्रभावित हो गया है। मजदूरों को घर भेज दिया गया है, जबकि मशीनरी को नुकसान पहुंचने का खतरा है। डीसी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और जल निकासी की व्यवस्था तेज करने के निर्देश दिए।
एसडीआरएफ की टीम ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिया है, जिसमें लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और आवश्यक सामग्री वितरित करना शामिल है।झज्जर जिले में फसलों को हुए नुकसान ने किसानों को परेशान कर दिया है। छुड़ानी गांव में 1,000 एकड़ धान की फसल पूरी तरह डूब गई, जबकि पूरे जिले में 11,000 एकड़ क्षेत्र प्रभावित हुआ है। किसानों ने तत्काल मुआवजे की मांग की है। डीसी ने कहा, "पूरा प्रशासन अलर्ट मोड पर है। हम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। फसलों के नुकसान का आकलन कर क्षतिपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।" इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल खोल दिया गया है, जहां किसान नुकसान का विवरण दर्ज करा सकेंगे।
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