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VIDEO : Thousands of devotees visited Sisla Dham in Kaithal by offering nishan, roses and peacock feathers
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VIDEO : कैथल में सिसला धाम में हजारों श्रद्धालुओं ने निशान, गुलाब व मौर पंख अर्पित कर किए दर्शन
कैथल। बाबा श्री खाटू श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है। कलियुग का देवता माने जाने वाले बाबा श्याम का जन्मदिन हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारस यानी एकादशी तिथि को मनाया जाता है। खाटू श्याम के प्रेमियों को बाबा के जन्मदिवस का बेसब्री से इंतजार रहता है। बाबा श्री श्याम के जन्मोत्सव के अवसर पर राजस्थान के सीकर में भक्तो की विशाल भीड़ एकत्रित होती है। श्रद्धालु दूर दूर से खाटू श्याम मंदिर में बाबा का जन्मदिवस मनाने पहुंचते है। इसी प्रकार जिले के गांव सिसला में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तहत 48 कोस के तहत आने वाले महाभारत कालीन सिसला धाम वीर बर्बरीक श्याम तीर्थ मंदिर में भी एकादशी बाबा श्याम का जन्म दिवस बड़ी खुशी उत्साह और धूमधाम से मनाया। मंगलवार को अल सुबह 12 बजे के बाद ही हजारों की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालु सिसला धाम पहुंचने शुरू हो गए थे। श्रद्धालुओं ने सिसला धाम मंदिर में वीर बर्बरीक बाबा श्याम की पूजा-अर्चना बड़ी श्रद्धा और उत्साह से की। धार्मिक ग्रंथों और श्रद्धालुओं का ऐसा मानना है कि महाभारत के युद्ध के दौरान वीर बर्बरीक ने अपने बाल रूप में भगवान कृष्ण को अपने शीश का दान दिया था। इसलिए वह भूमि सिसला धाम कहलाती है और वीर बर्बरीक को ही बाबा श्याम कहा जाता है। श्रद्धालु बड़ी दूर दूर से पैदल हाथों में बाबा श्याम के निशान, गुलाब व मोर पंख लेकर जयकारे लगाते हुए सिसला धाम में पहुंचे।। यहां पर श्रद्धालुओं ने कई कई घंटे लाइनों में लगकर दर्शन किये। वीर बर्बरीक श्याम ट्रस्ट सिसला की ओर से श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का विशेष प्रबंध किया हुआ था। जिसमें लगभग 40 हजार श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारा लगाया गया। कैटरिंग संचालक राम ने बताया कि भंडारे में श्रद्धालुओं के लिए 30 क्विंटल दूध से सांवक खीर, 20 क्विंटल आटे की पूरियां व पनीर, आलू व अन्य प्रकार सब्जियां तैयार की गई थी। वीर बर्बरीक मंदिर सिसला के पुजारी पंडित राजीव शर्मा व ट्रस्ट के प्रधान सुभाष, श्रद्धालु बलकेश, प्रदीप कैंदल, सुरेंद्र ने कहा कि सिसला धाम का यह महाभारत कालीन मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि वीर बर्बरीक ने बाल रूप में महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण को अपना शीश दान किया था और भगवान कृष्ण ने उन्हें कलयुग में पूजे जाने का वरदान दिया था। कहा कि सिसला धाम के इस मंदिर में श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था है।
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