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VIDEO : Nursing officer living in 57 year old Khahandar flat in Panipat, now sent demand for 56 houses
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VIDEO : पानीपत में 57 साल पुराने खहंडर रूपी फ्लैट में रह रही नर्सिंग ऑफिसर, अब 56 आवास की भेजी डिमांड
पानीपत में नर्सिंग ऑफिसर जिला नागरिक अस्पताल में बने 57 साल पुराने खहंडर रूपी क्वार्टर में रहने को मजबूर हैं। इनका गिरने का भी खतरा बना रहता है। आज तक इन क्वार्टर की मरम्मत के टेंडर तक नहीं हुए। सरकार आज तक सरकारी डॉक्टरों को आवास की सेवा नहीं दे पाई। डॉक्टर अपने निजी मकानों में रहते हैं। किसी आपातकाल स्थिति में अस्पताल में पहुंचने में उन्हें काफी वक्त लग जाता है।
सिविल सर्जन ने अब डॉक्टरों के 35 फ्लैट व नर्सिंग ऑफिसर के 56 आवासों की डिमांड भेजी है। यह फाइल स्वास्थ्य विभाग के वित विभाग को भेज दी गई है। वहां से हरी झंडी मिली तो डॉक्टरों को सरकारी आवास का तोहफा मिलेगा। इसके लिए सिविल सर्जन लगातार डीजी कार्यालय में सिफारिश भी कर रहे हैं।
जिला नागरिक अस्पताल के ये क्वार्टर 1967 में बने थे , यह वर्षों पहले कंडम घोषित किए जा चुके हैं। बरसात और तूफान में कई बार इन क्वार्टरों की दीवार ढह चुकी है। बरसात के दिनों में तो कर्मचारियों को छत के नीचे से बाहर आना पड़ता है। यहां 35 क्वार्टर बनाए गए थे।
इन हालत को देखते हुए कर्मचारी इनको खाली भी कर रहे हैं। अब इनमें महज 10 कर्मचारियों का परिवार ही रहता है। वे भी अपने स्तर पर ही इन क्वार्टरों की मरम्मत कराते रहते हैं। सरकार ने 42 करोड़ रुपये सिविल अस्पताल की बिल्डिंग, 18 करोड़ रुपये एमसीएचसी विंग और अन्य प्रोजेक्टों पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन आवासों के प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिल रही।
मरम्मत के टेंडर तक नहीं हुए
यहां रहने वाले कर्मचारी बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उनके क्वार्टरों की हालत का पता है। आसपास जंगल का माहौल बना हुआ है। कभी भी सांप उनके क्वार्टरों में घुस जाते हैं। हर रोज क्वार्टरों के ढहने का खतरा बना रहता है। वो इसलिए यहां रहते हैं कि ड्यूटी पर समय पर जाया जा सके। 57 साल हो चुके हैं इन क्वार्टरों को बने। सालों पहले कंडम हो चुके हैं। अधिकारियों ने इन क्वार्टर की मरम्मत के टेंडर करना भी जरूरी नहीं समझा। इसलिए 25 कर्मचारी यहां से क्वार्टर खाली कर बाहर कॉलोनियों में जा चुके हैं। कोई रिश्तेदार क्वार्टर पर आता है तो उन्हें शर्म भी आती है।
अधिकारी के अनुसार
जिला सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहूजा ने बताया कि डॉक्टरों व नर्सिंग ऑफिसर के फ्लैट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि उनकी यह मांग स्वीकृत होगी। यहां डॉक्टरों के आवास बनने से डॉक्टरों को आपात स्थिति में अस्पताल में पहुंचने में समय नहीं लगेगा। मरीजों को जल्द सेवाएं मिलेंगी।
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