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Hamirpur: चबूतरा में लैंडस्लाइड से बेघर हुए परिवारों को पंचायत घर और सत्संग घर में ठहराया
उपमंडल सुजानपुर के तहत चबूतरा क्षेत्र में बारिश की वजह से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से दो मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इसके साथ ही तीन मकान को खतरा बना हुआ है। खतरे को भागते हुए प्रशासन ने पूरा गांव खाली करवा दिया है तथा ग्रामीणों के रहने की व्यवस्था पंचायत घर तथा सत्संग घर में की गई है। यहां से कुछ मवेशियों को भी रेस्क्यू किया गया है। लगातार हो रही बारिश की वजह से भूमि में हो रहे जल रिसाव की वजह से यह जमीन धंसी है। यह वाक्य भी तेरा विवाह शाम के समय पेश आया है। सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस सहित होमगार्ड तथा प्रशासन के अधिकारी पहुंचे गांव को खाली करवाया गया। प्रशासन अब सुरक्षित जमीन तलाश रहा है जहां पर उनके लिए मकान की व्यवस्था हो सके। माना जा रहा है कि इस भूमि पर दोबारा से मकान बनाया जाना सुरक्षित नहीं है। फिलहाल प्रशासन की तरफ से बेघर हुए इन परिवारों को रहने के लिए किराए की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि रविवार शाम के समय चबूतरा की जमीन बारिश के जल के रिसाव की वजह से धंस गई है। इस वजह से ग्रामीणों के खेत भी उजड़ गए हैं। दो मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए जबकि तीन को भी नुकसान पहुंचा है। पूरे गांव को खतरा पैदा होने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन की तरफ से कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया तथा सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। बताया जा रहा है कि मवेशी भी इस भूस्खलन की चपेट में आकर फस गए थे जिन्हें सुरक्षित निकाला किया गया है। एसडीम सुजानपुर सहित पुलिस अधीक्षक हमीरपुर उपायुक्त हमीरपुर के संपर्क में है तथा वास्तविक स्थिति की जानकारी सांझा की जा रही है। उपायुक्त हमीरपुर ने जानकारी देते हुए बताया की बारिश की वजह से चबूतरा गांव की जमीन धंसी है जिस कारण दो मकान गिर गए हैं। इस गांव को सुरक्षा के मध्य नजर खाली करवा दिया गया है। गांव के ग्रामीणों को पंचायत घर और सत्संग घर में ठहराया गया है जहां उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर दोबारा से मकान बनाना भी सुरक्षित नहीं है। सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। सुरक्षित जगह की भी तलाश की जाएगी। एसडीओ आईपीएच सुजानपुर ई. राकेश का कहना है कि यहां पर विभाग की पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है। कुछ दूरी पर विभाग का पंप हाउस है जिसे सुरक्षा के मध्य नजर खाली करवाया गया है। उन्होंने बताया कि फील्ड में जाकर निरीक्षण किया जा रहा है तथा पेयजल लाइन को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें घर बनाने के लिए सुरक्षित जगह उपलब्ध करवाई जाए। जिस जगह पर मकान गिरे हैं वह जगह अब पूरी तरह से असुरक्षित हो गई है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रभावित परिवारों की यथासंभव सहायता की जाए ताकि वह अपने आशियाने बना सकें। वर्तमान में इस प्राकृतिक आपदा से सभी बेघर हो गए हैं। सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रभावित परिवारों को उन्होंने अपने ट्रस्ट की तरफ से 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है तथा एनडीआरएफ की टीम को बुलाने के लिए कहा गया है। उनके घर में फंसे हुए सामान को सुरक्षित बाहर निकलने में उनकी मदद के लिए एनडीआरएफ की सहायता की मांग की गई है। राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार से भी आग्रह किया है कि प्रभावित परिवारों की सहायता की जाए क्योंकि इनकी पूरे जीवन की जमा पूंजी तबाह हो गई है। क्षेत्र का यह सबसे बड़ा डिजास्टर है।
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