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Una Due to stray animals wild animals and drought farmers in Berian are forced to install steel wires in their fields
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Una: बेसहारा पशु, जंगली जानवर और सूखे की मार, बेरियां के किसान खेतों में स्टील की तारें लगाने को मजबूर
उपमंडल बंगाणा की पंचायत बेरियां के किसान इन दिनों तीनहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर बेसहारा पशुओं का आतंक, दूसरी ओर जंगली जानवरों से फसलों की तबाही और तीसरी ओर बारिश न होने से सूखे जैसे हालात बन गए हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए खेतों में स्टील की तारें लगाने को मजबूर हो गए हैं। किसान भाग सिंह ने बताया कि दिन के समय बेसहारा पशुओं के झुंड खेतों में घुसकर फसलों को रौंद देते हैं, जबकि रात के समय जंगली जानवर खेतों में भारी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में किसानों को दिन-रात खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि खेती पहले ही महंगी हो चुकी है और अब फसलों की सुरक्षा के लिए स्टील की तारें लगाना किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बन गया है। किसानों का आरोप है कि ऐसे समय में, जब जंगली जानवरों का खतरा सबसे अधिक है, जिला प्रशासन द्वारा किसानों की बंदूकें जमा करवाई गई हैं। इससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि अब वे रात के अंधेरे में डंडे लेकर खेतों में पहरा देने को मजबूर हैं, जिससे उनकी जान को भी खतरा बना रहता है। इसके साथ ही किसानों का कहना है कि लंबे समय से बारिश न होने के कारण फसलें पहले ही सूखने की कगार पर हैं। सिंचाई के साधन सीमित होने से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। एक तरफ जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी ओर बारिश की कमी ने किसानों की उम्मीदें तोड़ दी हैं। ग्रामीण किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि बेसहारा पशुओं के लिए ठोस व्यवस्था की जाए, जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं और सूखे जैसे हालात को देखते हुए किसानों को विशेष राहत दी जाए। किसानों का कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो खेती करना और भी मुश्किल हो जाएगा, जिसका सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
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