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Air India bookings and fares drop drastically after Ahmedabad plane crash
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अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एअर इंडिया की बुकिंग और किराये में भारी गिरावट
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Sat, 21 Jun 2025 11:30 AM IST
अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने केवल भारतीय विमानन क्षेत्र को हिला कर रख दिया, बल्कि इसका सीधा असर अब एयर इंडिया की बिक्री, बुकिंग और ब्रांड छवि पर भी साफ दिखाई दे रहा है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान में बताया कि हादसे के बाद से एयर इंडिया की बुकिंग में 20% तक की गिरावट दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों रूट्स पर यात्रियों की विश्वास में आई इस अस्थायी गिरावट को उन्होंने ‘भावनात्मक प्रतिक्रिया’ बताया।
IATO के आकलन के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बुकिंग में करीब 18 से 22 फीसदी तक की गिरावट आई है। यूरोप, यूके और दक्षिण पूर्व एशिया के मार्गों पर यह गिरावट ज्यादा गहरी है।
गोसाईं ने कहा – “एअर इंडिया की दुर्घटना के बाद यात्रियों की भावनात्मक प्रतिक्रिया देखी गई है। खासकर जो लोग फैमिली या कॉर्पोरेट ट्रैवल कर रहे थे, उन्होंने बुकिंग टाल दी या रद्द कर दी।”
उन्होंने आगे बताया कि ट्रैवल एजेंट्स और टूर ऑपरेटर्स को बड़ी संख्या में रद्दीकरण के अनुरोध मिल रहे हैं, विशेष रूप से बिजनेस क्लास और प्रीमियम इकनॉमी में।
केवल अंतरराष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि घरेलू उड़ानों की बुकिंग में भी 10 से 12 फीसदी तक की कमी देखी गई है। IATO के मुताबिक यह प्रभाव विशेष रूप से दिल्ली-मुंबई, मुंबई-बेंगलुरु और दिल्ली-चेन्नई जैसे बिजनेस रूट्स पर देखा गया।
गोसाईं के अनुसार, “लोगों में डर का माहौल है। हालांकि यह अल्पकालिक हो सकता है, लेकिन एयरलाइनों को ट्रांसपेरेंसी और सुरक्षा आश्वासन देना बेहद जरूरी हो गया है।”
हादसे के बाद रद्दीकरण में 15 से 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से कॉर्पोरेट यात्रियों और उच्च वर्ग के अवकाश यात्रियों ने बड़ी संख्या में अपनी यात्राएं स्थगित की हैं।
घरेलू स्तर पर रद्द टिकटों में 8 से 10 प्रतिशत तक का उछाल देखा गया है। इससे एयरलाइंस को राजस्व में नुकसान झेलना पड़ रहा है और सीटें खाली जा रही हैं।
एअर इंडिया ने यात्रियों को वापस आकर्षित करने के लिए कई मार्गों पर किरायों में 8 से 15 प्रतिशत तक की कटौती की है।
• घरेलू मार्गों पर टिकट की कीमतें 8–12% तक घटाई गई हैं
• अंतरराष्ट्रीय मार्गों, विशेष रूप से यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए किराये में 10–15% तक की कटौती हुई है
यह कदम सीधे तौर पर इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा जैसी कम लागत वाली एयरलाइनों के साथ प्रतिस्पर्धा की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
IATO अध्यक्ष ने कहा कि ये कीमतें “प्रचार रणनीति और गिरती मांग के चलते सुधार के प्रयास” हैं।
भारतीय पर्यटन एवं आतिथ्य संघों के महासंघ (FAITH) के महासचिव राजीव मेहरा ने कहा कि एयरलाइनों को अब सुरक्षा और रखरखाव के मानकों को और बेहतर करना होगा।
उन्होंने कहा: “यात्रियों का भरोसा बहाल करने के लिए तकनीकी जांच, मेंटनेंस और समयबद्ध अपडेट अनिवार्य हैं। एयरलाइनों को पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ानी होगी।”
FAITH ने सरकार से भी अपील की है कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को इस पूरे हादसे पर तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो।
अब तक एअर इंडिया की ओर से इस गिरावट और किराया कटौती पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यात्रियों के बीच यह चुप्पी भी असहजता पैदा कर रही है।
जहां एक ओर निजी विमानन कंपनियां यात्रियों को भरोसा दिलाने के लिए सोशल मीडिया, वेबसाइट और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद कर रही हैं, वहीं एयर इंडिया की चुप्पी ब्रांड की छवि पर नकारात्मक असर डाल रही है।
ट्रैवल और एविएशन सेक्टर के जानकार मानते हैं कि यह गिरावट ‘भावनात्मक प्रतिक्रिया’ है और अगर अगले 3–4 सप्ताह तक कोई और तकनीकी गड़बड़ी सामने नहीं आती, तो विश्वास दोबारा लौट सकता है।
लेकिन अगर एअर इंडिया जनसंपर्क, टेक्निकल सुधार और पारदर्शिता में चूक करती है, तो यह गिरावट दीर्घकालिक भी हो सकती है।
गौरतलब है कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर तकनीकी गड़बड़ी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
इस भयावह हादसे में विमान में सवार 241 लोगों और जमीन पर मौजूद 29 नागरिकों की मौत हो गई थी। यह भारत के विमानन इतिहास का सबसे बड़ा त्रासदीपूर्ण हादसा माना जा रहा है।
इस पूरी स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती यात्रियों का भरोसा वापस पाना है।
इसके लिए एयर इंडिया को चाहिए कि वह:
• हादसे की जांच रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक करे
• टेक्निकल सुधारों की जानकारी साझा करे
• यात्रियों से संवाद बढ़ाए और पारदर्शिता लाए
जब तक ये कदम नहीं उठाए जाते, तब तक एअर इंडिया के टिकटों पर ‘डर की छाया’ बनी रहेगी।
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