जम्मू कश्मीर के डल झील के किनारे 79वें स्वतंत्रता दिवस से पहले तिरंगा यात्रा आयोजन किया गया। इस आयोजन में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हिस्सा लिया। तिरंगा यात्रा की ये तस्वीर बदले कश्मीर की गवाही दे रही हैं। भारत की आन, बान और शान हमारा तिरंगा शौर्य, शांति और एकजुटता का संदेश देता है। जम्मू-कश्मीर में हालात कैसे हैं, इस तिरंगा यात्रा से समझा जा सकता है। इस तिरंगा यात्रा में स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। ऐसी तस्वीरे सिर्फ डल झील से ही सामने नहीं आईं हैं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लाल चौक समेत कई जिलों से भी सामने आईं हैं। जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर विकास की राह पर कितना आगे बढ़ चुका है।
जम्मू-कश्मीर के लाल चौक में भी स्वतंत्रता दिवस से पहले सीआरपीएफ ने तिरंगा यात्रा आयोजित किया। जिसमें स्कूली छात्रों ने हिस्सा लिया। वहीं, पुंछ जिला प्रशासन ने स्वतंत्रता दिवस से पहले 5 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला तिरंगा रैली का आयोजन किया। जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए।
जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में भी ऐतिहासिक मेगा तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। इस तिरंगा रैली ने सभी का ध्यान खींचा। इस रैली की सबसे बड़ी खासियत 1508 मीटर लंबा तिरंगा झंडा रहा, जिसे प्रशासन ने विशेष रूप से तैयार किया था। स्कूल के छात्रों ने इस विशाल तिरंगा को हाथों में थामकर रैली निकाली। रैली की शुरुआत वेलकम डोडा गेट से हुई और कम्युनिटी हॉल में इसका समापन हुआ। इस दौरान सड़कों पर देशभक्ति के नारों और राष्ट्रीय गीतों की गूंज रही। इसमें सरकारी और निजी स्कूलों के छात्र, जिला अधिकारी, विभिन्न विभागों के कर्मचारी, सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ, मीडिया प्रतिनिधि और आम जनता बड़ी संख्या में शामिल हुए।