जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के डूल इलाके में आतंकियों के खिलाफ सेना का अभियान दूसरे दिन भी जारी है। इलाके में एक गुफा में छिपे आतंकियों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है, और मुठभेड़ जारी है। लगातार गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनाई दे रही हैं, जिससे इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। यह संयुक्त ऑपरेशन भारतीय सेना की 17 राष्ट्रीय राइफल्स, 2 पैरा स्पेशल फोर्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) द्वारा चलाया जा रहा है। अब तक की जानकारी के अनुसार, दो स्थानीय आतंकवादी घिरे हुए हैं, जो पिछले आठ वर्षों से इस इलाके में सक्रिय थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ में एक आतंकी जिसकी पहचान रियाज के रूप में की जा रही है उसकी घायल होने की आशंका है, लेकिन इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि यही दोनों आतंकी इससे पहले 20 जुलाई को चेर्जी के हडल गल जंगल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान भाग निकले थे। इस बार सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों ओर से घेर कर किसी भी भागने की संभावना को खत्म कर दिया है। सेना और सुरक्षा एजेंसियों का अभियान पूरी सतर्कता और रणनीति के साथ जारी है।
आपको बता दें कि एक दिन पहले रविवार को किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी। दुल क्षेत्र में सेना के जवानों ने आतंकियों को घेरा था। इलाके में गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी। भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने बताया, 'भारतीय सेना के जवानों ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के दुल इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया। गोलीबारी जारी है।'
वहीं, जम्मू-कश्मीर में सबसे लंबे आतंकवाद विरोधी अभियानों में से एक - दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में जारी ऑपरेशन अखल में शनिवार को भी गोलीबारी जारी रही। लेकिन इस बीच जिले में ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों के साथ रात भर चली मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए थे और दो अन्य घायल हो गए थे। सुरक्षाबल जिले के अखल जंगल क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों से लड़ाई जारी रखे हुए हैं। और वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी चौबीसों घंटे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।