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SIR Protest: I.N.D.I.A. Alliance is marching on foot from Parliament to the Election Commission office.
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SIR Protest: I.N.D.I.A. Alliance संसद से चुनाव आयोग ऑफिस तक कर रही पैदल मार्च।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Mon, 11 Aug 2025 10:28 AM IST
बिहार में SIR के मुद्दे पर जारी सियासी लड़ाई अब पूरी तरह दिल्ली शिफ्ट हो गई है। वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर जारी सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे। कांग्रेस नेता दानिश अली ने कहा, 'विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च सुबह साढ़े 11 बजे संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।' विपक्षी सांसदों के इस मार्च को लेकर बीजेपी भी हमलावर है।
बीजेपी आरोप लगा रही है कि राहुल गांधी केवल सियासी स्टंटबाजी कर रहे हैं। राहुल गांधी बिहार के लोगों का हक बांग्लादेशियों को देना चाहते हैं। SIR के मुद्दे पर राहुल गांधी को सबसे बड़ा साथ समाजवादी पार्टी का मिला है। इसकी सबसे बड़ी वजह 2027 का विधानसभा चुनाव है। जहां विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग वोटर लिस्ट रिवीजन करा सकता है, जिसका डर अभी से समाजवादी पार्टी में दिखने लगा है। बता दें कि इंडिया ब्लॉक बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगा रहा है। वहीं, बीजेपी और एनडीए की पार्टियां SIR के मुद्दे पर चुनाव आयोग के साथ खड़ी हैं।विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने बिहार चुनाव से पहले इसे भाजपा और चुनाव आयोग के खिलाफ बड़ा मुद्दा बना लिया है और इसी मुद्दे पर लोकसभा चुनाव के बाद बिखरे इंडिया गठबंधन की विभिन्न पार्टियां एकजुट होती दिख रही हैं.विपक्षी पार्टियों की यह एकजुटता न केवल बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में दिख रही है, बल्कि संसद के मानसून सत्र और राष्ट्रीय स्तर पर भी दिख रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आवास पर हुई इंडिया गठबंधन के नेताओं की डिनर में गठबंधन के 25 दलों के करीब 50 नेता शामिल हुए और इसमें सभी पार्टियों ने एकजुट होकर SIR के विरोध के प्रति प्रतिबद्धता जताई.इसी मुद्दे पर राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक के सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग तक मार्च करेंगे और मतदाता सूची के SIR में कथित “वोट चोरी” के विरोध में प्रदर्शन करेंगे. गठबंधन के नेता औपचारिक रूप से अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए चुनाव आयुक्तों से भी मिलेंगे.
इस मार्च में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव, अभिषेक बनर्जी सहित विपक्ष के करीब 300 सांसद शामिल होंगे. विपक्ष का यह विरोध प्रदर्शन राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट के कांग्रेस के विश्लेषण का हवाला देते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाने के बाद आयोजित किया गया है, जहा उन्होंने आरोप लगाया था कि लगभग एक लाख वोट “चोरी” हुए थे.इससे पहले, राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में “वोट चोरी” के अपने आरोपों को दोहराया था और इस बात पर जोर दिया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक “स्वच्छ” मतदाता सूची आवश्यक है. उससे पहले राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह के आरोप लगाए थे. महाराष्ट्र विधानसभा में उनके आरोप पर एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी सुर मिला चुके हैं. इसी तरह से राहुल गांधी के आरोपों में सुर में सुर मिलाते हुए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने SIR के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है. ममता बनर्जी ने एसआईआर को बैकडोर से एनआरसी लागू करने की साजिश करार देते हुए राज्य के लोगों से आह्वान किया है कि वे किसी तरह का फॉर्म नहीं भरे. उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर SIR करवाने के लिए चुनाव दो साल का समय मांगा है. ममता बनर्जी और उनकी पार्टी भी चुनाव आयोग के साथ पूरी तरह से टकराव के मूड में है.
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