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Jhalawar School Roof Collapse: Who is responsible for Jhalawar government school accident? | Rajasthan
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Jhalawar School Roof Collapse: झालावाड़ सरकारी स्कूल हादसे का जिम्मेदर कौन? | Rajasthan
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Sat, 26 Jul 2025 04:44 AM IST
राजस्थान के झालावाड़ जिले में दर्दनाक हादसा हुआ यहां मनोहर थाना इलाके में एक सरकारी स्कूल की इमारत ढह गयी. इस हादसे में कई मासूमों की जान चली गई, वहीं कई घायल हैं। इस दौरान गौर करने वाली बात ये रही की घटना को लेकर बच्चो की बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और इस भयावह हादसे में मासूमों की चीखें निकल गयी अब इस हादसे के बाद स्कूल और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।राजस्थान का झालावाड़ जिला… यहां एक छोटा सा गांव है पिपलोदी, जो कि मनोहर थाना क्षेत्र में पड़ता है.खबरों की मानें तो सुबह के वक्त बच्चे यहां सरकारी स्कूल में पढ़ने पहुंचे. मां-बाप ने भी हंसी खुशी बच्चों को इस उम्मीद में स्कूल के लिए भेजा कि वो पढ़-लिखकर उनका नाम रोशन करेंगे. मगर 8 बजे इस स्कूल में कुछ ऐसा हुआ, जिससे पूरे राजस्थान में हड़कंप मच गया. स्कूल के एक भवन की दीवार भरभरा कर गिर पड़ी. उस वक्त बच्चे क्लास में पढ़ाई कर रहे थे. .खैर इस घटना में लापरवाही, अनदेखी और अमानवीयता जैसे शब्द भी इस हादसे के जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा करने के लिए नाकाफी हैं। हादसे के बाद ग्रामीणों के बयान सामने आए, वो और भी चौंका देने वाले हैं। दूसरी तरफ
अब गांव वालों का दूसरा बयान जानते हैं। यह बयान बनवारी नाम के व्यक्ति का मीडिया में आया है। ये वही शख्स हैं, जिन्होंने बच्चों को मलबे से निकाला और फिर अस्पताल तक लेकर आए। उन्होंने बताया कि बच्चा-बच्ची बाहर भाग रहे थे। फिर शिक्षक ने डांटकर बच्चों को अंदर कर दिया। इसके बाद छत गिर गई। छत गिरने के बाद बच्चा-बच्ची सारे उसमें दब गए। गांव वाले सभी भागे। ईंट पट्टी जो भी बच्चों के ऊपर गिर गई थी। उसको उठाकर फेंका। स्कूल भवन की शिकायत पांच-छह दिन पहले कर दी थी। छत से पानी टपक रहा था। मास्टर लोगों से शिकायत की थी। शिकायत के बाद भी बच्चों को स्कूल में बैठाया गया। उन्होंने शिकायत आगे नहीं बढ़ाई, वे बोले गांव वाले करेंगे। गांव वाले क्यों भवन ठीक करेंगे। ये काम तो पंचायत वालों का है। ये काम तो सरकार का है। सरकार करेगी न।' ये ऐसा बयान है जो बताता है कि शिक्षकों की लापरवाही की वजह से बच्चों की मौत हुई है। बच्चों को खतरनाक छत के नीचे बैठाने के जिम्मेदार शिक्षक हैं। अब कलेक्टर झालावाड़ जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौर का बयान भी जानना जरूरी है, क्योंकि एक तरफ गांव वाले स्कूल के भवन की शिकायत कर रहे थे, पर सिस्टम को लगी जंग ने उनकी आवाज न तो शिक्षा विभाग तक पहुंचाई न ही कलेक्टर तक।
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