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Maratha Reservation: OBC के साथ आरक्षण पर क्यों खिंच गई तलवार?
वीडियो डेस्क/ अमर उजाला डॉट कॉम Published by: पल्लवी कश्यप Updated Tue, 02 Sep 2025 05:16 PM IST
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महाराष्ट्र में आरक्षण की आग फैलती जा रही है. मुद्दा मराठा बनाम ओबीसी का बन गया है. मनोज जरांगे मराठाओं को कुनबी जाति में शामिल करके अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ देने के लिए अनशन कर रहे हैं. मनोज जरांगे पूरे मराठा समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण चाहते हैं. 2023 में मनोज जरांगे के आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस संदीप शिंदे की अगुआई में एक कमिटी बनाई. इसने अंग्रेजों के दौर के दस्तावेजों में कुनबी का रेफरेंस तलाशा. हैदराबाद गजट में 58 लाख परिवारों का रिकॉर्ड मिला. इसके आधार पर सरकार मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट जारी करने लगी.
ओबीसी नेता भुजबल ने क्यों दी धमकी?
मनोज जरांगे की मांग के खिलाफ ओबीसी नेता लामबंद हो गए हैं. महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल ने सोमवार को कहा कि मराठाओं को ओबीसी के कोटे में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. यदि ओबीसी समुदाय के लिए तय आरक्षण में कटौती की गई तो लाखों लोग प्रदर्शन करेंगे. भुजबल का कहना था कि अदालत पहले ही मराठाओं और कुनबियों को एक समुदाय मानने की मांग को मूर्खतापूर्ण बता चुकी है. ओबीसी के लिए तय 27 प्रतिशत आरक्षण में से छह प्रतिशत खानाबदोश जनजातियों के लिए, दो प्रतिशत गोवारी समुदाय के लिए और अन्य छोटे हिस्से विभिन्न समूहों के लिए निर्धारित हैं. केवल 17 प्रतिशत आरक्षण है और यह भी 374 समुदायों के बीच साझा किया जाता है.
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने क्या कहा?
कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल के बाद राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाडे ने भी धमकी दे डाली है. उन्होंने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि अगर ओबीसी आरक्षण को नुकसान पहुंचाया गया, तो पूरा ओबीसी समाज सड़कों पर उतर जाएगा. अगर आप हमारे आरक्षण को छुएंगे, तो हम मुंबई में सड़कों पर उतरेंगे. यह बात मैंने पहले ही कह दी थी. यह भी स्पष्ट कर दिया है कि छगन भुजबल जो भी फैसला लेंगे, वह हमें स्वीकार्य होगा.
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