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Supreme Court's comment on Bihar SIR Row, Election Commission gave important information
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Bihar SIR Row: बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, चुनाव आयोग ने दी अहम जानकारी
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: सुरेश शाह Updated Mon, 01 Sep 2025 05:27 PM IST
Bihar SIR Row: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार SIR के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग के इस कथन पर संज्ञान लिया कि बिहार ड्राफ्ट रोल में मतदाता पंजीकरण के लिए दावे और आपत्तियों पर 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी विचार किया जाएगा। कोर्ट ने आयोग के कथन पर संज्ञान लेते हुए 1 सितंबर की समय सीमा बढ़ाने का कोई आदेश पारित नहीं किया। कोर्ट ने बिहार विधिक सेवा प्राधिकरण को सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश जारी करने का आदेश दिया कि वे मतदाताओं या राजनीतिक दलों को दावे, आपत्तियां, सुधार ऑनलाइन जमा करने में सहायता के लिए अर्ध-विधिक स्वयंसेवकों की नियुक्ति करें या उन्हें अधिसूचित करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके बाद प्रत्येक स्वयंसेवक को जिला एवं सत्र न्यायाधीश को एक गोपनीय रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। स्वयंसेवकों से प्राप्त जानकारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के स्तर पर एकत्र की जा सकती है।
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत तैयार मतदाता सूची के मसौदे में दावे, आपत्तियां और सुधार 1 सितंबर के बाद भी दायर किए जा सकते हैं, लेकिन मतदाता सूची के अंतिम रूप देने के बाद ही इन पर विचार किया जाएगा। जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने निर्वाचन आयोग के इस कथन पर गौर किया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि तक दावे और आपत्तियां दायर की जा सकती हैं।
शीर्ष अदालत ने बिहार एसआईआर को लेकर फैले भ्रम को काफी हद तक विश्वास का मामला बताते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह 1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने में व्यक्तिगत मतदाताओं और राजनीतिक दलों की सहायता के लिए अर्ध-कानूनी स्वयंसेवकों को तैनात करे। कोर्ट ने राजनीतिक दलों से भी खुद को 'सक्रिय' करने को कहा।
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