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Malegaon Blast Case: Sameer Kulkarni, who was acquitted in the Malegaon case, told how he was tortured!
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Malegaon Blast Case: मालेगांव मामले में बरी हुए समीर कुलकर्णी ने बताया कैसे उनके ऊपर हुआ अत्याचार!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Sat, 02 Aug 2025 12:13 AM IST
2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में गुरुवार (31 जुलाई,2025) को अदालत का बड़ा फैसला आया, जिसमें सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया. फैसले के दौरान कोर्टरूम में कुछ दिलचस्प और चौंकाने वाले पल सामने आए. रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस में बरी किए गए आरोपियों में से एक समीर कुलकर्णी ने अदालत से कहा कि उससे जब गिरफ्तार किया गया था, तो ₹900 जब्त किए गए थे, लेकिन कागजों में सिर्फ ₹750 दिखाए गए. उन्होंने कहा, '₹150 छोड़ दो पर कम से कम मेरे ₹750 तो वापस करो.'
इस पर न्यायाधीश ने कहा कि अभी ऐसा कोई आदेश नहीं है और "केस प्रॉपर्टी" से जुड़ा कुछ भी वापस नहीं किया जाएगा जब तक अगला आदेश नहीं आता. यानी, भले ही समीर कुलकर्णी अब कानूनी तौर पर बरी हो गए हैं, लेकिन अपने ₹750 के लिए उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा. गौरतलब है कि विशेष अदालत ने बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि उन्हें दोषी साबित करने के लिए सबूत नहीं हैं.
समीर कुलकर्णी ने ₹750 की मांग के साथ-साथ अदालत से यह भी अनुरोध किया कि उन्हें “भारत माता की जय” जैसे नारे लगाने के लिए 3 सेकेंड का वक्त दिए जाएं, लेकिन अदालत ने यह कहकर साफ इनकार कर दिया कि कोर्ट की मर्यादा में नारेबाजी की अनुमति नहीं दी जा सकती.
फैसला सुनाते वक्त NIA अदालत ने स्पष्ट किया कि ब्लास्ट में घायल लोगों की असली संख्या 101 नहीं, बल्कि 95 है. दरअसल, अदालत के अनुसार 101 में से 6 लोगों ने झूठे मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर चोटें दिखाईं, ताकि वे मुआवजे का दावा कर सकें. अब केवल उन्हीं 95 लोगों को ₹50,000 का मुआवजा मिलेगा, जिन्हें अदालत ने सही में घायल माना है.
मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी किया जाना राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक ‘‘अहम विफलता’’ है, जिसने अपने बयान से पलटने वाले गवाहों के खिलाफ झूठी गवाही का आरोप नहीं लगाया. पीड़ितों के वकील ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. अधिवक्ता शाहिद नदीम ने कहा कि पीड़ितों के रिश्तेदार विशेष एनआईए अदालत के फैसले के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे.
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