{"_id":"68dce04f217095b97f070805","slug":"rbi-mpc-s-decision-on-repo-rate-has-your-loan-emi-decreased-2025-10-01","type":"video","status":"publish","title_hn":"RBI MPC का रेपो रेट पर फैसला, क्या घट गया आपके लोन का EMI?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
RBI MPC का रेपो रेट पर फैसला, क्या घट गया आपके लोन का EMI?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Wed, 01 Oct 2025 01:33 PM IST
क्या आपकी ईएमआई बढ़ेगी या घटेगी? क्या होम लोन और कार लोन अब महंगे होंगे? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC Meeting) में इन सवालों का जवाब दे दिया है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखा है। यानी फिलहाल आपके लोन की किस्त पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाएगा।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले का ऐलान करते हुए साफ कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए पॉलिसी स्टांस न्यूट्रल रहेगा। यह फैसला बाजार की उम्मीदों के अनुरूप ही है।
ईएमआई पर क्या होगा असर?
जब भी रेपो रेट में बदलाव होता है, उसका सीधा असर बैंकों की ब्याज दरों पर पड़ता है। रेपो रेट बढ़ने पर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई महंगी हो जाती है, वहीं घटने पर EMI सस्ती होती है। लेकिन इस बार RBI ने दरों को जस का तस रखा है।
इसका मतलब है कि
• मौजूदा लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा।
• नए लोन लेने वालों के लिए भी ब्याज दरें फिलहाल स्थिर रहेंगी।
• कर्जदारों को राहत है कि अभी उन्हें अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
हालिया पॉलिसी दरें
RBI ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 6 सदस्यीय पैनल की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया। प्रमुख पॉलिसी दरें इस प्रकार हैं:
• रेपो रेट – 5.50%
• स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट – 5.25%
• मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट – 5.75%
• बैंक रेट – 5.75%
यानी RBI ने न तो लोन सस्ता किया और न महंगा।
2025 की पहली छमाही में रिजर्व बैंक ने कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। इसके बाद अगस्त की बैठक में दरों को स्थिर रखा गया था। इस बार भी RBI ने वही रुख दोहराया है।
इससे साफ है कि केंद्रीय बैंक अभी अर्थव्यवस्था और महंगाई के बीच संतुलन साधने की नीति पर चल रहा है।
आरबीआई गवर्नर ने साफ किया कि महंगाई का दबाव पहले से कम है और आगे भी इसमें गिरावट दिखेगी।
• FY26 Q2 (दूसरी तिमाही) – महंगाई अनुमान 1.8% (पहले 2.1%)
• FY26 Q3 (तीसरी तिमाही) – 1.8% (पहले 3.1%)
• FY26 Q4 (चौथी तिमाही) – 4%
• FY27 Q1 (अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही) – 4.5%
पूरे वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई का अनुमान 2.6% है, जबकि पहले यह 3.1% माना गया था।
इस गिरावट का बड़ा कारण अच्छा मानसून और हाल ही में जीएसटी दरों में कटौती माना जा रहा है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
• जीएसटी कटौती से उपभोग बढ़ा है।
• कृषि क्षेत्र में अच्छे मानसून का फायदा मिला है।
• सेवाओं और औद्योगिक उत्पादन में सुधार दिख रहा है।
इस वजह से केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि आर्थिक विकास की गति आने वाले महीनों में और मजबूत होगी।
RBI के फैसले के बाद शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट में सकारात्मक संकेत देखने को मिले। निवेशकों को उम्मीद थी कि RBI फिलहाल दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।
• स्थिर ब्याज दरों का फायदा कॉरपोरेट सेक्टर को मिलेगा।
• रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को भी राहत मिलेगी क्योंकि लोन महंगे नहीं होंगे।
• उपभोक्ता मांग में स्थिरता बनी रहेगी।
RBI का यह रुख बताता है कि आने वाले महीनों में भी केंद्रीय बैंक महंगाई और विकास के बीच संतुलन बनाए रखेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि चौथी तिमाही में महंगाई बढ़ने की आशंका है, लेकिन फिलहाल RBI को कोई तात्कालिक खतरा नहीं दिख रहा।
अगर वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होती और घरेलू उत्पादन बेहतर रहता है, तो रेपो रेट लंबे समय तक इसी स्तर पर रह सकता है।
RBI ने रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखकर कर्जदारों को राहत दी है। फिलहाल EMI पर कोई असर नहीं होगा। महंगाई का दबाव कम हो रहा है और अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज है। आने वाले समय में चौथी तिमाही में कुछ चुनौतियां दिख सकती हैं, लेकिन फिलहाल RBI का रुख संतुलित और स्थिर है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।