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Rohini Acharya Quits Politics: Sister makes serious allegations against Tejashwi Yadav, talks about abuse and
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Rohini Acharya Quits Politics: तेजस्वी यादव पर बहन ने लगाए गंभीर आरोप, गालियां-मारपीट की बात कही।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sun, 16 Nov 2025 10:00 AM IST
बिहार की राजनीति में सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के भीतर संकट लगातार गहराता जा रहा है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। रोहिणी ने दावा किया कि उन्हें तेजस्वी और उनके करीबी संजय यादव व रमीज ने परिवार से निकाल दिया। रोहिणी आचार्य ने कहा कि बिहार चुनाव में राजद की करारी हार पर सवाल उठाने के बाद उन्हें अपमानित किया गया। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे ही संजय यादव और रमीज का नाम लिया, उन्हें घर से निकाल दिया गया, गालियां दी गईं और मारा तक गया। उन्होंने यह भी कहा कि अब उनका कोई परिवार नहीं है और जो भी जिम्मेदारी है, वह तेजस्वी और उनके साथियों की है। रोहिणी के मुताबिक, पार्टी की हार के लिए जवाबदेही मांगना उनके खिलाफ हो गया।
कौन हैं संजय यादव और रमीज?
रोहिणी जिन संजय यादव का नाम ले रही हैं, वह तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में गिने जाते हैं। हरियाणा में जन्मे संजय यादव 2012 में राजद से जुड़े और 2024 में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा। दूसरी ओर, रमीज को तेजस्वी का पुराना दोस्त बताया जाता है, जिनका संबंध उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से है। रोहिणी ने आरोप लगाया कि इन्हीं दोनों ने उन्हें राजनीति और परिवार दोनों से दूर जाने को कहा।संजय तेजस्वी की भाषा, राजनीतिक आक्रामकता, सोशल मीडिया रणनीति और चुनावी संदेशों को प्रभावित करने वाली टीम के प्रमुख सदस्य बन गए। तेजस्वी की शैली में आए बदलाव, उनके भाषण की धार और युवा वोटरों से जुड़ने की कोशिशों में संजय का बड़ा योगदान माना जाता है। लेकिन संजय का बढ़ता प्रभाव ही राजद के भीतर असंतोष की वजह बन गया।संजय का बढ़ता प्रभाव राजद के भीतर असंतोष की वजह बना। तेज प्रताप यादव कई बार उन्हे जयचंद कह चुके है। रोहिणी आचार्य ने पहले भी सजय पर परिवार को दूर करने और अफवाहें फैलाने के आरोप लगाए थे। फरवरी 2025 में जब पार्टी ने उन्हे राज्यसभा भेजने का फैसला किया तो कई पुराने नेताओ मे असतोष खुलकर सामने आ गया।पहले अलगाव की घोषणा करते हुए रोहिणी ने लिखा कि वह राजनीति और परिवार दोनों छोड़ रही हैं, और इसके लिए उन्हें मजबूर किया गया। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि रोहिणी ने लालू यादव को बचाने के लिए अपनी किडनी तक दान दी थी, और अब परिवार का इस तरह टूटना दुखद है। उन्होंने कहा कि अगर परिवार किसी एक व्यक्ति की वजह से टूट रहा है तो यह सही नहीं है। यह बयान राजनीतिक स्तर पर भी नया विवाद जोड़ रहा है।
यह विवाद उस समय सामने आया है जब बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार ने राजद को सबसे बड़ा झटका दिया है। 75 सीटों वाली पार्टी सिर्फ 25 पर सिमट गई, जो 2010 के बाद उसकी सबसे खराब स्थिति है। महागठबंधन 40 सीटों के नीचे रह गया और सरकार बनाने से बहुत दूर। तेजस्वी के नेतृत्व के बावजूद पार्टी अपनी पकड़ बरकरार नहीं रख पाई।
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