राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रविवार को लगातार दूसरे दिन भी झमाझम बारिश हुई। इसके साथ ही मौसम विभाग ने पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के 9 दिन पहले पहुंचने का आधिकारिक एलान कर दिया है। हालांकि, दिल्ली में मानसून दो दिन की देरी से पहुंचा है। आमतौर पर पूरे देश में मानसून के पहुंचने की तिथि 8 जुलाई है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत लगभग पूरे देश में अगले सात दिनों तक मूसलाधार बारिश होने की संभावना है और रेड से लेकर यलो अलर्ट तक जारी किया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मानसून रविवार को राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शेष भागों और पूरी दिल्ली को कवर कर लिया है। 2020 के बाद से पहली बार मानसून समय से इतना पहले पूरे देश में पहुंचा है। 2020 में यह 26 जून तक पूरे देश को कवर कर लिया था। इस साल 1 जून के तय समय से एक हफ्ता पहले 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के प्रभाव से अगले सात दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में मूसलाधार बारिश जारी रहने की संभावना है। सोमवार को झारखंड के कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है।
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यमुनोत्री राजमार्ग को भारी नुकसान हुआ है और चार जगहों पर यातायात करीब 10 घंटे तक ठप रहा। यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए 850 श्रद्धालु रास्ते में फंस गए हैं। प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रोका है। मौसम के सुधरने और राजमार्ग पर यातायात बहाल होने के बाद इन लोगों को आगे भेजा जाएगा। गंगोत्री से लौट रहे श्रद्धालुओं को ऋषिकेश-देहरादून की ओर भेजा जा रहा है।
आईएमडी ने बताया कि मौसम के लिए इस साल परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। लद्दाख और उससे सटे हुए हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों, पूर्वोत्तर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर इस वर्ष पूरे देश में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है। देश का ज्यादातर कृषि क्षेत्र मानसूनी बारिश पर आधारित है और 42 फीसदी आबादी की आजीविका भी इस पर निर्भर है।