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Why did Trump impose 50% tariff on India? US Vice President makes a big revelation
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ट्रंप ने भारत पर क्यों लगाया 50% टैरिफ? अमेरिकी उपराष्ट्रपति का बड़ा खुलासा
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Mon, 25 Aug 2025 06:01 PM IST
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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने खुलासा किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ जंग रोकने के लिए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाकर आर्थिक दबाव डाला है। वेंस ने कहा कि इस कदम से रूस के लिए तेल निर्यात से अमीर बनना मुश्किल होगा।
ट्रंप प्रशासन लगातार भारत की आलोचना करता रहा है कि वह रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीद रहा है। वेंस ने कहा, “रूस की तेल अर्थव्यवस्था को कमजोर करना हमारी प्राथमिकता है। इसलिए भारत पर आक्रामक आर्थिक दबाव डाला गया है।”
अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर आयात शुल्क दोगुना कर 50% कर दिया है। इसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण 25% अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। यह कदम उस समय उठाया गया जब रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए ट्रंप ने मध्यस्थता के संकेत दिए हैं।
वेंस ने कहा, “हम मानते हैं कि हाल ही में दोनों पक्षों से कुछ अहम रियायतें आई हैं। ट्रंप इस युद्ध को खत्म करने के लिए बड़ी कूटनीतिक कोशिश कर रहे हैं।”
दिलचस्प बात यह है कि वाशिंगटन जहां भारत को रूस से ऊर्जा खरीद के लिए निशाना बना रहा है, वहीं चीन—जो रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है—उस पर अमेरिका ने कोई सीधा हमला नहीं बोला। इस पर भारत का कहना है कि रूस से तेल खरीदना राष्ट्रीय हितों के मुताबिक है।
वेंस ने उम्मीद जताई कि ट्रंप और पुतिन की हालिया मुलाकात से समाधान की राह निकलेगी। “अगर रूस हत्याएं बंद कर दे तो उसे वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल किया जा सकता है,” उन्होंने कहा।
जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रहा, तो वेंस ने कहा, “हम दबाव डाल रहे हैं, लेकिन इसका तरीका बदल गया है। उदाहरण है भारत पर लगाया गया अतिरिक्त टैरिफ।”
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक और बड़ी घटना हुई। यूक्रेन की तरफ से शनिवार देर रात किए गए ड्रोन हमलों के कारण रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लग गई।
रूसी अधिकारियों ने बताया कि कुर्स्क न्यूक्लियर प्लांट में हमले के बाद रिएक्टर की क्षमता में गिरावट आई, लेकिन विकिरण का स्तर सामान्य रहा। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया।
यूक्रेनी ड्रोन हमलों ने रूस के उस्त-लुगा ईंधन निर्यात टर्मिनल को भी निशाना बनाया, जहां भीषण आग लग गई। हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने 95 यूक्रेनी ड्रोन विमानों को मार गिराया। अधिकारियों का कहना है कि इन हमलों से ऊर्जा ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
हमले ऐसे समय हुए जब यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता के 34 साल पूरे होने का जश्न मना रहा था। माना जा रहा है कि यह हमला रूस को संदेश देने के लिए किया गया है कि यूक्रेन अब भी मजबूत है और जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम है।
परमाणु संयंत्रों पर हमलों ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसे हमले जारी रहे तो यह न सिर्फ यूरोप, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है।
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