अनूपपुर जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। शुक्रवार को तेज बारिश के चलते शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग पर बाढ़ की स्थिति बन गई और राजेंद्र ग्राम क्षेत्र स्थित पुल पर दो फीट ऊंचाई तक पानी बहने लगा। इसके चलते यह मार्ग पिछले छह घंटे से पूरी तरह से बंद है। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और लोग जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
राजेंद्र ग्राम और मझगवा नाले में बिगड़े हालात
राजेंद्रग्राम का लखौरा नाला हर साल की तरह इस बार भी तेज बारिश में उफान पर है। पुल की ऊंचाई कम होने के कारण बारिश के पानी ने पुल को पूरी तरह ढंक लिया है। वहीं, अमगवां रोड स्थित अचलपुर के पास मझगवा नाले में आई बाढ़ ने एक स्कूल बस समेत कई अन्य वाहनों को फंसा दिया है। इसी नाले में कुछ दिन पहले एक चार वर्षीय मासूम की बहने से मौत हो चुकी है, जिससे इलाके में पहले से ही डर का माहौल है।
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पुलिस बल तैनात, लोगों को रोका गया
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राजेंद्रग्राम थाना प्रभारी शिव प्रसाद शुक्ला के नेतृत्व में पुलिस बल को मौके पर तैनात कर दिया गया है। पुलिसकर्मी पुल पार करने की कोशिश कर रहे लोगों को रोक रहे हैं और उन्हें सतर्क रहने की हिदायत दे रहे हैं। बारिश और बाढ़ के कारण कांवड़ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सावन मास में अमरकंटक की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते प्रशासन को हर साल इसी प्रकार की स्थिति से जूझना पड़ता है।
शाम तक हालात नहीं सुधरे
शुक्रवार को शाम तक पुल पर बाढ़ की स्थिति बनी रही। जल स्तर में किसी प्रकार की कमी नहीं आई और लगातार बारिश ने हालात को और गंभीर बना दिया। दोनों ओर खड़े लोग परेशान नजर आए और प्रशासन से राहत की उम्मीद करते रहे।
कहां कितनी हुई बारिश?
बीते 24 घंटों के दौरान जिले में औसतन 0.803 इंच वर्षा दर्ज की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में बारिश की स्थिति इस प्रकार रही- अनूपपुर: 0.209 इंच, कोतमा: 0.512 इंच, बिजुरी: 1.157 इंच, जैतहरी: 1.457 इंच, वेंकटनगर: 1.035 इंच, पुष्पराजगढ़: 0.189 इंच, अमरकंटक: 1.575 इंच, और बेनीबारी: 0.291 इंच।
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स्थायी समाधान अब तक अधूरा
राजेंद्र ग्राम में हर साल इस स्थिति के दोहराव के बावजूद अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। एमपीआरडीसी के अधिकारी भी इस मार्ग और पुल की स्थिति से भलीभांति अवगत हैं, लेकिन अब तक यहां नया पुल निर्माण शुरू नहीं हुआ है। प्रशासन की लापरवाही से हर साल इसी मौसम में सैकड़ों लोग परेशान होते हैं और यात्रा बाधित होती है।
गुजर नाला उफान पर, ग्रामीणों का आवागमन हुआ ठप
इधर, जैतहरी के खूंटाटोला मालाडांड और चोलना गांव के बीच बहने वाली गुजर नदी में भारी बारिश के चलते जल स्तर अत्यधिक बढ़ गया है। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण नदी उफान पर आ गई है। इसका पानी पुल के ऊपर से बह रहा है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इस मार्ग के बंद होने से मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के सीमावर्ती ग्रामीणों का आवागमन बंद है।