गर्मियों का मौसम आते ही अनूपपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। जहां पुष्पराजगढ़ विकास खंड के ग्राम पंचायत बोदा में निवासरत 50 बैगा ग्रामीणों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यहां पेयजल की इतनी भीषण समस्या है कि ग्रामीणों को सुबह से गांव से लगे हुए नाला जो कि लगभग सूख चुका है। लेकिन आज भी यहां नमी बनी हुई है और इसकी खुदाई करने पर पीने के लिए पानी उपलब्ध हो जाता है। जहां सुबह से ही ग्रामीण यहां पर पहुंच कर इसके खुदाई कार्य में जुट जाते हैं और कई घंटे तक इंतजार के बाद उसमें पानी भर जाने पर उसे पी रहे हैं।
ग्राम पंचायत बोदा में साल 2023 में नल जल योजना का कार्य स्वीकृत किया गया था, जिसे अब तक पूरा हो जाना था। लेकिन यहां पर दो साल बाद भी सिर्फ पाइप लाइन पड़े हुए धूल फॉक रहे हैं। पाइप लाइन विस्तार का कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाया है। गांव में एक हैंडपंप भी है, जो कि गर्मी के आते ही सूख जाता है, जिसके कारण यहां पेयजल की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ता है।
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गंदे पानी के सेवन से बीमारी का भी बना रहता है खतरा
इस समस्या पर ग्रामीण जय सिंह बैगा ने बताया कि पेयजल की समस्या ऐसी है की मजबूरी में नाले का गंदा पानी उन्हें पीना पड़ता है। ग्रामीण लखन सिंह मरावी ने बताया कि गर्मी का मौसम बढ़ने के साथ ही पेयजल की समस्या भी गांव में बढ़ने लग जाती है और लोगों को पर्याप्त पानी भी नहीं मिल पाता है।
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ग्रामीण महिला राम बाई ने बताया कि गंदे पानी के सेवन से परिवार के सदस्य बीमार भी हो जाते हैं।लेकिन इसके अलावा और कोई विकल्प उनके पास नहीं है, जिसके कारण प्यास बुझाने के लिए इस पानी को भी पीना पड़ता है। ग्रामीण मैकु सिंह बैगा ने बताया कि गर्मी के आते ही हैंडपंप सूख जाता है और पानी की जो टंकी है, वह भी किसी काम की साबित नहीं हो रही है, जिसके कारण उन्हें पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।