दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के झलोन गांव में मंगलवार को उस समय अफरातफरी मच गई, जब एक बुजुर्ग महिला पर खेत में काम करते वक्त अचानक मगरमच्छ ने हमला कर दिया। उसने महिला को नाले में खींच ले जाने की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद बेटे ने अपनी जान की परवाह किए बिना पानी में छलांग लगाकर मां की जान बचा ली। इस घटना ने पूरे गांव में दहशत फैला दी है।
खेत के नाले में घात लगाए बैठा था मगरमच्छ
जानकारी के मुताबिक, घटना दोपहर की है, जब झलोन निवासी संतोषरानी अहिरवार अपने निजी खेत में धान का रोपा लगाने से पहले नाले में धान धो रही थीं। इसी दौरान बाजू से बहते गुबरा नाले में छिपा मगरमच्छ अचानक उन पर झपट पड़ा और उनके हाथ को जबड़े में दबाकर पानी में खींचने लगा। महिला की चीख सुनकर खेत में ही मौजूद उनके पुत्र कालीचरण अहिरवार और अन्य ग्रामीण दौड़े और जान की परवाह किए बिना पानी में कूद पड़े।
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पत्थर बरसाकर मगरमच्छ को भगाया
कालीचरण और अन्य लोगों ने पानी में जाकर मगरमच्छ पर पत्थरों से हमला किया, जिसके बाद मगरमच्छ ने महिला को छोड़ दिया और नाले की गहराई में चला गया। गनीमत यह रही कि नाले की गहराई अधिक नहीं थी, महज दो से तीन फीट। इसलिए महिला को समय रहते बाहर निकाल लिया गया। संतोषरानी के हाथ में गंभीर चोटें आई हैं और मगरमच्छ के दांतों के गहरे निशान भी देखे गए हैं।
घटना के तुरंत बाद महिला को उपचार के लिए तेंदूखेड़ा के स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक इलाज किया गया। घायल महिला ने खुद बताया कि मुझे नहीं पता था कि नाले में मगरमच्छ है, जब वह मुझ पर झपटा तो मैं कुछ समझ नहीं पाई। मेरा बेटा और गांव वाले समय पर नहीं आते तो मेरी जान नहीं बचती।
वन विभाग को दी गई जानकारी, मुआवजा भी मिला
झलोन के रेंजर सतीश मसीह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित महिला को तत्काल एक हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है और मामले की जांच की जा रही है। साथ ही मगरमच्छ को पकड़ने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
दमोह के डीएफओ ईश्वर जरांडे ने भी कहा कि वन विभाग को घटना की जानकारी मिल गई है और मगरमच्छ को सुरक्षित तरीके से पकड़ने के लिए टीम भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इलाके में पहले कभी इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई थी, जिससे अंदेशा है कि यह मगरमच्छ हाल ही में किसी ओर जल स्रोत से यहां आया होगा।
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किसानों में फैली दहशत, प्रशासन से सुरक्षा की मांग
घटना के बाद पूरे झलोन गांव में भय और चिंता का माहौल है। किसान और खेतों में काम करने वाले ग्रामीण अब खेत के पास के नालों में जाने से डर रहे हैं। महिला के पति कोमल अहिरवार ने कहा कि अगर हम पास में नहीं होते तो यह हादसा जानलेवा हो सकता था। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे खतरनाक जीवों से सुरक्षा की व्यवस्था करे।