मध्यप्रदेश के हरदा में करणी सेना और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद सोमवार को घायलों से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हरदा पहुंचे थे। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही हरदा कलेक्टर, एसपी, अपर कलेक्टर, एडिशनल एसपी, एसडीएम और एसडीओपी को हटाकर रिटायर्ड जज से इस पूरे घटनाक्रम की जांच कराने की बात उन्होंने कही।
इस दौरान उनके साथ राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह एवं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी मौजूद थे। विधायक जयवर्धन सिंह ने भी राजपूत समाज के लोगों पर पुलिस द्वारा किए गए मारपीट के मामले को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि यह एसपी-कलेक्टर जब तक रहेंगे निष्पक्ष कार्यवाही की उम्मीद नहीं की जा सकती। लोगों के साथ पुलिस ने बर्बरता की है। इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यही नहीं उन्होंने कहा कि हम खाकी का सम्मान करते हैं, लेकिन जिन लोगों ने खाकी को दागदार किया है, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाना चाहिए ।
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सोमवार को हरदा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने स्थानीय राजपूत छात्रावास में करणी सेना और राजपूत समाज के लोगों से पूरी घटना को लेकर जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद समाजजन को संबोधित करते हुए कहा कि करणी सेना के पांच निहत्थे लोगों को घेरकर पुलिस ने मारपीट की है। किसी आरोपी को ऐसे नहीं मारा गया होगा, जिस तरह करणी सेना के सदस्यों को मारा गया। मैं करणी सेना का सदस्य नहीं हूं, लेकिन करणी सेना के अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं पर जो जुल्म किया गया है, मैं उसका विरोध करता हूं। मेरी खुद जीवन सिंह शेरपुर से बात हुई तो उन्होंने बताया कि उन्हें अधिकारी खुद लेने आए। अधिकारियों ने कहा कि युवाओं को समझाकर चक्काजाम समाप्त कराया जाए। और जब वे यहां पहुंचे तो उन पर कार से उतरते ही लाठियां बरसानी शुरू कर दी गई थीं।
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दिग्विजयसिंह के साथ मौजूद राधौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने समाजजन से कहा कि हरदा में जो घटना घटी है वह बहुत ही दु:खद और निंदनीय है। आज से दो दिन पहले हरदा का एक युवा आशीष राजपूत जिसका किसी अन्य व्यक्ति के साथ लेन-देन को लेकर विवाद हुआ, उसको न्याय नहीं मिला। स्थानीय प्रशासन द्वारा उसके साथ न्याय नहीं हुआ है। हर युवा और किसी के पास भी न्याय पाने का अधिकार रहता है। हरदा का प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। कहीं पर भी करणी सेना या राजपूत समाज ने हिंसा नहीं की थी। उन्होंने बताया कि उनकी बात जीवन सिंह शेरपुर से भी हुई थी। हरदा में जैसे ही वे कार से बाहर निकलते हैं उन पर लाठीचार्ज कर दिया जाता है। पुलिस ने बेरहमी से उन पर लाठियां बरसाईं। करणी सेना के कई युवाओं से उनकी बात हुई है। जेल में भी उनके साथ मारपीट की गई है। राजपूत समाज में एक शोकसभा के लिए लोग जुटे थे, जहां पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कई युवाओं को शरीर में फ्रैक्चर आया है। जो भी दोषी अधिकारी या कर्मचारी हैं, उन पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।