गुना जिले के मधुसुदनगढ़ तहसील के जंगलों में शनिवार को एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरी को उजागर कर दिया। जानकारी के अनुसार, मुलिया बाई पत्नी श्याम बाबू सिलावट लकड़ी लेने जंगल गई थीं, तभी अचानक एक जंगली सूअर ने उन पर हमला कर दिया। हमले में गंभीर रूप से घायल महिला वहीं गिर पड़ीं और मदद के लिए चीखती रहीं।
घटना की आवाज सुनकर परिजन जंगल में पहुंचे और तुरंत एंबुलेंस बुलाने का प्रयास किया। कॉल पर कॉल करने के बावजूद करीब दो घंटे तक कोई मदद नहीं पहुंची। घायल महिला दर्द से कराहती रही और परिजन आशा में फोन लगाते रहे। जब इंतजार बेकार साबित हुआ, तो परिजन ने खटिया को स्ट्रेचर बनाकर महिला को कंधों पर उठाया और पैदल लगभग 4 किलोमीटर की दूरी तय कर अस्पताल पहुंचे। मधुसुदनगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला को प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया।
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यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को सामने लाती है। समय पर एंबुलेंस न मिलना और दूर-दराज इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, मरीजों को अपने दम पर जीवन की लड़ाई लड़ने पर मजबूर कर रही है। ग्रामीणों की इस परेशानी ने एक बार फिर स्वास्थ्य प्रबंधन और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया।