कटनी जिले में बने एशिया के सबसे बड़े ग्रेड सेपरेटर से शुक्रवार को पहली बार मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कोयले से भरी 58 बोगियों वाली इस मालगाड़ी को एरिया मैनेजर और रेलवे अधिकारियों की मौजूदगी में रवाना किया गया। इस ऐतिहासिक पल का रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने उत्साह के साथ स्वागत किया।
जानकारी के अनुसार, कटनी में निर्मित यह ग्रेड सेपरेटर एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है, जिसकी लंबाई अप लाइन में 16 किलोमीटर और डाउन लाइन में 17.4 किलोमीटर मिलाकर कुल 33.4 किलोमीटर है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मालगाड़ियों की आवाजाही को सुगम बनाना और भीड़भाड़ को कम करना है। खासकर कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन में यह ग्रेड सेपरेटर बड़ी भूमिका निभाने वाला है। पहली मालगाड़ी में झारखंड की खदानों से निकला कोयला लोड था, जिसे दक्षिण भारत की ताप विद्युत परियोजनाओं तक पहुंचाया जाना है। अब तक ट्रेनों को कटनी जंक्शन पर लंबे समय तक रुककर क्रॉसिंग की समस्या झेलनी पड़ती थी, लेकिन इस ग्रेड सेपरेटर के बन जाने से ट्रेनों को बिना बाधा सीधे आगे बढ़ने का रास्ता मिल गया है।
ये भी पढ़ें- सार्थक से शादी करने भागी, करण को पति बना लिया, 5 दिन बाद लौटी श्रद्धा तिवारी ने चौंकाया
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से प्रतिदिन दर्जनों मालगाड़ियों का परिचालन अधिक गति और सुरक्षा के साथ संभव होगा। साथ ही, इससे रेलवे के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी और उद्योग जगत को समय पर खनिज आपूर्ति मिलेगी। एरिया मैनेजर रोहित सिंह ने बताया कि एशिया के सबसे बड़ी ग्रेड सपरेटर में आज कोयले से भरी पहली गुड्स ट्रेन कटंगी स्टेशन से 11.55 से चढ़ते हुए मझगवां में उतरी है। ट्रेन की रफ्तार भी 70 किमी प्रतिघंटे रही। इस सफलता कटनी जिले और रेलवे दोनों के लिए गर्व का क्षण है। एशिया के सबसे बड़े ग्रेड सेपरेटर से निकली यह पहली ट्रेन विकास की नई राह खोलेगी। रेलवे की इस उपलब्धि से न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में लॉजिस्टिक्स और खनिज परिवहन की रफ्तार को नई दिशा मिलेगी।
Next Article
Followed