मध्यप्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी नर्मदा घाटी दायीं तट नहर परियोजना के अंतर्गत कटनी जिले के स्लिमनाबाद से खिरहनी गांव तक लगभग 12 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड टनल का निर्माण कार्य जारी है। लेकिन इस परियोजना में वर्षों तक काम करने वाले श्रमिकों को अब तक उनके पीएफ की राशि नहीं मिली है, जिससे नाराज होकर बुधवार को करीब 75 मजदूर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को शिकायत सौंपी।
श्रमिकों ने बताया कि उन्होंने नवंबर 2017 से फरवरी 2023 तक अंडरग्राउंड टनल के डाउनस्ट्रीम साइट पर मजदूरी की है। यह काम सैर्टन फैसिलिटी सर्विसेज नामक एजेंसी के अधीन हुआ, जिसे ठेका कंपनी पटेल इंजीनियरिंग ने लेबर सप्लाई का जिम्मा सौंपा था। श्रमिकों का आरोप है कि उनकी मजदूरी में से हर माह 12 प्रतिशत राशि पीएफ के नाम पर काटी गई, लेकिन अब तक वह उनके खातों में जमा नहीं की गई है। पीड़ितों के मुताबिक, 70 से अधिक श्रमिकों की कुल राशि 50 लाख रुपये से ज्यादा अटकी हुई है।
कई बार की शिकायत, फिर भी नहीं मिला समाधान
श्रमिक सौरभ शुक्ला ने बताया कि पहले भी इस मुद्दे को लेकर कई बार अधिकारियों से संपर्क किया गया था। कुछ महीने पहले जब श्रमिकों ने हड़ताल की थी, तब कुछ लोगों को पीएफ का भुगतान किया गया, लेकिन अधिकांश मजदूर अब भी इंतजार कर रहे हैं। शिकायत पटेल इंजीनियरिंग के जीएम उग्रसेन सिंह, कटनी कलेक्टर, श्रम विभाग, और कटनी एसपी को दी गई है। इसके बावजूद मजदूरों को केवल आश्वासन ही मिला है।
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कंपनी ने निकाला, फिर भी भुगतान अधूरा
श्रमिक जमुना प्रसाद यादव ने बताया कि जब मजदूरों ने दबाव बनाया, तो ठेका कंपनी ने वर्ष 2023 में सैर्टन फैसिलिटी सर्विसेज को काम से हटा दिया और कुछ श्रमिकों की राशि उनके खातों में डाल दी गई। बाकी मजदूरों को यह कहकर निकाल दिया गया कि उनकी रकम एक सप्ताह में दे दी जाएगी, लेकिन दो से ढाई साल बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ। जमुना प्रसाद ने बताया कि हम जैसे मजदूर जो दिन भर मेहनत करके सिर्फ 10 से 12 हजार रुपये कमाते हैं, उनका 12 प्रतिशत पैसा पीएफ के नाम पर काटा गया, लेकिन अब हमें ही वो पैसा नहीं दिया जा रहा है।
श्रम विभाग ने शुरू की प्रक्रिया
पूरे मामले को लेकर जब श्रमिकों ने बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन किया, तब श्रम निरीक्षक एस.पी. सिंह ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली है और जल्द ही ठेका कंपनी समेत संबंधित विभाग से पत्राचार कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मजदूरों को उनका हक दिलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार की यह प्रमुख सिंचाई परियोजना है जिसके तहत नर्मदा नदी का पानी कटनी जिले के कई हिस्सों तक पहुंचाया जाना है। इसका निर्माण पटेल इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा किया जा रहा है। कंपनी ने टनल निर्माण के कुछ हिस्से को रॉबिंस कंपनी और उसके जरिए सैर्टन फैसिलिटी सर्विसेज को सबलेट किया था।