सीहोर में कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में 6 अगस्त को निकलने वाली कांवड़ यात्रा से पहले ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सावन के पहले सोमवार से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ कुबेरेश्वर धाम में जल चढ़ाने पहुंच रही थी। मंगलवार को भीड़ बेकाबू हो गई और कुबेरेश्वर धाम पर भगदड़ जैसी स्थिति में दो श्रद्धालु महिलाओं की मौत हो गई। प्रशासन ने इंदौर-भोपाल हाईवे को रात 12 बजे से डायवर्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन घटना के बाद इसे 10 घंटे पहले ही डायवर्ट कर दिया गया।
6 अगस्त को सीहोर नगर के स्कूलों में अवकाश
कांवड़ यात्रा को लेकर कलेक्टर के आदेश पर 6 अगस्त को सीहोर नगर में संचालित सभी शासकीय, अशासकीय, सीबीएसई, प्ले स्कूल, आंगनबाड़ी और जताखेड़ा, सोड़ा जैसे ग्रामों के विद्यालयों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी एस एस तोमर ने बताया कि कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले सभी विद्यालय बंद रहेंगे, ताकि यात्रा में किसी प्रकार की बाधा न हो और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था: 400 पुलिस जवान तैनात
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और पहले हो चुके हादसे के मद्देनज़र 400 पुलिस जवानों को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है। इसमें 250 जवान भोपाल से बुलाए गए हैं। 150 जवान सीहोर जिले से 4 डीएसपी, 6-7 थाना प्रभारी और 25-30 सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। पुलिस जवानों को यातायात, भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति में रेस्क्यू कार्यों के लिए तैनात किया गया है।
छोटे और बड़े वाहनों के लिए अलग रूट...
छोटे वाहन:
- भोपाल से इंदौर जाने वाले वाहन: क्रिसेंट चौराहा → भाऊखेड़ी → अमलाह → इंदौर-देवास
- इंदौर से भोपाल: अमलाह → भाऊखेड़ी → क्रिसेंट चौराहा → भोपाल
बड़े वाहन:
- भोपाल से इंदौर/देवास: श्यामपुर → ब्यावरा → गंतव्य
- इंदौर से भोपाल: देवास → ब्यावरा → भोपाल
अन्य कट प्वाइंट्स:
- देवास से आने वाले वाहन: आष्टा चौपाटी → कालापीपल → चांदबड़ → श्यामपुर → भोपाल
- भोपाल से आने वाले वाहन: फंदा टोल → तूमड़ा जोड़ → दोराहा → श्यामपुर → भोपाल
कांवड़ यात्रा का चौथा वर्ष
पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा कांवड़ यात्रा का आयोजन वर्ष 2022 से किया जा रहा है। यह इस यात्रा का चौथा वर्ष है। इस बार भी कथा मंच से उन्होंने देशभर के श्रद्धालुओं को कांवड़ यात्रा में सम्मिलित होने का आह्वान किया था। श्रद्धालु सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वर धाम तक पदयात्रा कर रहे हैं। यात्रा में शामिल होने के लिए एक दिन पूर्व ही हजारों की संख्या में लोग सीहोर पहुंच चुके थे।
हादसे रोकने के लिए डायवर्टमेंट जरूरी
भीड़ की अचानक बढ़ोत्तरी और अव्यवस्थित प्रवेश-निकास व्यवस्था के चलते कुबेरेश्वर धाम पर भगदड़ की स्थिति बनी। इसके कारण दो महिलाओं की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए। घटना के तुरंत बाद प्रशासन हरकत में आया और ट्रैफिक डायवर्जन प्लान को 10 घंटे पहले लागू किया गया। यह निर्णय जहां श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी था, वहीं पूरे जिले की यातायात और शिक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित करने वाला रहा। प्रशासन की सक्रियता से बड़ी अनहोनी टली, लेकिन यह घटना सुरक्षा व्यवस्थाओं की भविष्य में फिर से समीक्षा की मांग कर रही है।