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MP: खरगोन की महारानी के दरबार में उमड़ रहा भक्तों का सैलाब, गरबों के नए स्वरूप की हो रही सराहना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Tue, 08 Oct 2024 08:34 AM IST
खरगोन नगर में देर शाम हुए आयोजन के दौरान जब पारंपरिक सुन्दर एवं रंगीन कपड़ों से सजी-धजी युवतियां, सिर पर मिट्टी की चरी (मटकी) रखकर, उसमें प्रज्वलित ज्वाला के साथ, बगैर उसे स्पर्श किए, जब नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दे रही थीं, तो इन नृतकियों के संतुलन के साथ हाथ, कमर व पैरों का सुंदर संचालन देख वहां मौजूद लोग अचंभित हो उठे और तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया। झिलमिल रोशनी के बीच हुए इस सुंदर दृश्य ने इसे और भी आकर्षक बना दिया। दरअसल ये अवसर था शहर के ज्योति नगर स्थित गरबा पांडाल में आमंत्रित टीम की प्रस्तुति का। यहां आमंत्रित टीम ने करीब दो घंटे तक एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी, जिसमें चरी नृत्य को काफी सराहा गया।
वहीं इस मनमोहक आयोजन को लेकर समिति अध्यक्ष इंजी. नीतिन मालवीय ने बताया कि पवित्र शारदीय नवरात्र में ज्योति नगर स्थित खरगोन महारानी के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। दक्षिण भारत के सिद्ध स्थल वेल्लोर स्थित स्वर्ण मंदिर में विराजित श्रीमहालक्ष्मी मंदिर की तर्ज पर बने यहां के स्वर्ण पांडाल में विराजित माता की मनोहारी प्रतिमा के चरणों में रोजाना हजारों भक्त नतमस्तक हो रहे हैं। श्रद्धालुओं की आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शाम होते ही यहां जयकारे गूंजने लगते हैं, जो रात 12 बजे तक भी अनवरत जारी रहते हैं।
वहीं इस समिति के मीडिया प्रभारी दिलीप सोनी ने बताया कि माता की आराधना स्वरुप हो रहे गरबे भी माता के भक्तों को रिझा रहे हैं। देर रात यहां धर्म, लोक संस्कृति और अन्नदाता किसानों के परिश्रम एवं राष्ट्रीय देशभक्ति से ओतप्रोत भारत के अनोखे स्वरूप को, जब गरबा कलाकारों ने नृत्य मुद्रा में इस मंच से प्रस्तुत किया, तो समूचा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस दौरान नयनाभिराम प्रतिमा को स्वरुप देने वाली बुरहानपुर की मुर्तिकार सम्राट मौर्य आर्ट्स की संचालिका सरिता मौर्य का नवदुर्गा उत्सव समिति ने सम्मान कर प्रोत्साहित भी किया।
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